रोड सेफ्टी - उदयपुर। राउमावि लखावली में आयोजित सड़क सुरक्षा जागृति कार्यक्रम में शामिल छात्राध्यापिकाएं।

यह सुझाव पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में दिया। डॉ. छंगाणी ने बढ़ते तापमान में पशुओं की विशेष देखभाल के प्रति पशुपालकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बढते तापमान से पशुओं में एनवायरमेन्ट स्ट्रेस बढ़ता है, इसमें संकर नस्ल के पशु अत्यधिक प्रभावित होते हैं।

रोड सेफ्टी - उदयपुर। राउमावि लखावली में आयोजित सड़क सुरक्षा जागृति कार्यक्रम में शामिल छात्राध्यापिकाएं।

बढ़ते तापमान के चलते संकर नस्ल के पशुओं को रखें पंखें-कूलर में - डॉ छंगाणी
उदयपुर, 17 अप्रेल। उदयपुर के तापमान में दिन ब दिन बढ़ोतरी हो रही हैं ऐसे तापमान में संकर नस्ल के पशुओं के लिए कूलर एवं पंखे की व्यवस्था करना निन्तान्त आवश्यक है।


यह सुझाव पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में दिया। डॉ. छंगाणी ने बढ़ते तापमान में पशुओं की विशेष देखभाल के प्रति पशुपालकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बढते तापमान से पशुओं में एनवायरमेन्ट स्ट्रेस बढ़ता है, इसमें संकर नस्ल के पशु अत्यधिक प्रभावित होते हैं।

संकर नस्ल के पशुओं का कम्फर्ट जोन (आरामदायक स्थिति) 15 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है। भारतीय परिस्थितियों में यह 30-32 डिग्री सेल्सियस तक में भी इनका उत्पादन बना रहता है। लेकिन 32 डिग्री से. अधिक तापमान होने पर इनका अडोप्शन मैकेनिज्म प्रभावित होने लगता हैं एवं दुग्ध उत्पादन प्रभावित होने लगता है।

37 से 40 डिग्री तक में अडोप्शन मेकेनिज्म पूर्ण रूप से प्रभावित होने लगता हैं। दुग्ध उत्पादन बिल्कुल कम एवं पशु के मृत्यु की संभावना अधिक हो जाती है। अतः ऐसी स्थिति से निपटने के लिए संकर नस्ल के पशुओं के लिये पंखे कूलर की व्यवस्था करनी चाहिये।

संस्थान की वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पद्मा मील के अनुसार संकर नस्ल के पशु में प्रतिदिन प्रति पशु 10 प्रतिशत तक दुग्ध उत्पादन में गिरावट आती हैं जबकि देशी पशु में यह गिरावट 3 प्रतिशत तक ही आती है। संस्थान के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश साहू ने कहा कि इस समय पशुओं में डिहाईड्रेशन की समस्या अधिक रहती है अतः पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराते रहना चाहिए।