राजस्थान बनेगा मेडिकल टूरिज्म का ग्लोबल हब, कैबिनेट ने हील इन राजस्थान नीति समेत 3 नई नीतियों को दी मंजूरी
राजस्थान सरकार ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 'हील इन राजस्थान नीति-2025' को मंजूरी दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने टाउनशिप नीति-2024 और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025 को भी स्वीकृति दी। जानिए क्या होंगे इसके लाभ?

राजस्थान अब मेडिकल टूरिज्म का ग्लोबल हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 'हील इन राजस्थान नीति-2025' सहित तीन नई नीतियों को स्वीकृति दी गई। ये नीतियां न सिर्फ प्रदेश को चिकित्सा और नगरीय विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगी, बल्कि रोजगार सृजन, निवेश वृद्धि और वैश्विक ब्रांडिंग में भी निर्णायक भूमिका निभाएंगी।
हील इन राजस्थान नीति-2025: राजस्थान बनेगा चिकित्सा पर्यटन का केंद्र
नई नीति का उद्देश्य राजस्थान को एक भरोसेमंद, किफायती और सुलभ मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। इस नीति के तहत—
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मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित होंगे।
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आयुर्वेद, योग, यूनानी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।
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MVT पोर्टल, मोबाइल एप, टेलीमेडिसिन और बहुभाषी हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध होंगी।
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निवेशकों को RIPs और पर्यटन नीति के तहत प्रोत्साहन मिलेगा।
टाउनशिप नीति-2024: शहरीकरण को मिलेगा नया आयाम
राज्य के शहरी क्षेत्रों में नियोजित विकास के लिए टाउनशिप नीति-2024 को मंजूरी दी गई, जिसके तहत—
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पार्क व खेल मैदान हेतु 7% भूमि आरक्षित।
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8% भूमि सार्वजनिक सुविधाओं के लिए।
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वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल प्रबंधन अनिवार्य।
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श्रमिकों के लिए न्यूनतम 5% आवासीय भूखंड।
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) नीति-2025: हर घर तक पहुंचेगी स्वच्छ ऊर्जा
CGD नीति से राज्य में स्वच्छ ऊर्जा नेटवर्क का तेजी से विस्तार होगा:
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PNG और CNG नेटवर्क छोटे शहरों तक पहुंचेगा।
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अनुमति व भूमि आवंटन की प्रक्रिया सरल और समयबद्ध।
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पोर्टल के माध्यम से निवेश को मिलेगा डिजिटल प्लेटफॉर्म।
ऊर्जा क्षेत्र में रिकॉर्ड निवेश
तीन प्रमुख केंद्रीय PSU के साथ हुए एमओयू के अनुसार, कुल ₹11,200 करोड़ के निवेश से राजस्थान में नई सौर, पवन और गैस ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित होंगी।
भर्तियों और पदोन्नति में बड़ा बदलाव
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प्रक्रियाधीन भर्तियों में अब 100% तक रिक्तियों की वृद्धि संभव।
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पदोन्नति में 2 वर्षों की अनुभव शिथिलता।
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नई पद संरचना और वेतनमान लागू।
शिक्षकों को CAS में राहत
UGC संशोधनों के आधार पर रिफ्रेशर कोर्स की छूट 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाई गई।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
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RPSC में सदस्यों की संख्या 7 से बढ़ाकर 10 की गई।
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RUHS एक्ट में संशोधन कर जयपुर में RIMS की स्थापना का मार्ग प्रशस्त।
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दिव्यांग कर्मियों के आश्रितों को विशेष छूट के साथ अनुकंपा नियुक्ति।
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तीन राजकीय महाविद्यालयों का नामकरण बदला गया।
निष्कर्ष:
राजस्थान सरकार के यह कदम प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक स्वास्थ्य मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में मजबूत पहल हैं। आने वाले समय में ये नीतियां राजस्थान को निवेश और विकास का नया मॉडल बनाएंगी।