राजा रघुवंशी की हत्या मामले में असम पुलिस की कार्रवाई, बहन सृष्टि पर भड़काऊ वीडियो के आधार पर दर्ज हुआ मामला
इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में असम पुलिस ने नया एक्शन लिया है। राजा की बहन सृष्टि रघुवंशी पर असम में नरबलि के आरोप संबंधी भड़काऊ वीडियो के आधार पर केस दर्ज किया गया है।

इंदौर,
राजा रघुवंशी मर्डर केस में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। असम पुलिस ने राजा की बहन सृष्टि रघुवंशी के खिलाफ आधिकारिक रूप से एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई एक पुराने वायरल वीडियो के आधार पर की गई है, जिसमें सृष्टि ने यह दावा किया था कि "राजा रघुवंशी की हत्या असम में नरबलि की एक कुप्रथा के तहत की गई थी।"
वीडियो बना जांच का आधार
सृष्टि रघुवंशी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने हत्या को एक "धार्मिक बलि" और "साजिश" बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह हत्या असम में प्रचलित कुछ अंधविश्वासी गतिविधियों से जुड़ी है। इस बयान को असम पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए इसे असम राज्य की सामाजिक शांति और धार्मिक सौहार्द के लिए "भड़काऊ और तथ्यहीन" करार दिया।
असम पुलिस की कार्यवाही
असम पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान के आधार पर वैमनस्य फैलाना) और आईटी एक्ट की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि सृष्टि रघुवंशी का वीडियो "सार्वजनिक भावना को भड़काने" और "अंधविश्वास को बढ़ावा देने" की दिशा में आता है।
मामले की पृष्ठभूमि
राजा रघुवंशी की हत्या का मामला पहले ही इंदौर में सनसनी फैला चुका है। हत्या की परिस्थितियाँ रहस्यमयी रही हैं, और जांच में कई संदिग्ध एंगल सामने आ चुके हैं। सृष्टि द्वारा किया गया "नरबलि" का दावा इस केस को एक नई दिशा में मोड़ रहा है, लेकिन अब खुद सृष्टि जांच के घेरे में आ गई हैं।
परिवार की प्रतिक्रिया
परिवार के अन्य सदस्यों ने सृष्टि के समर्थन में बयान देते हुए कहा है कि वह "सिर्फ न्याय की मांग कर रही थीं" और उनकी मंशा किसी को ठेस पहुँचाने की नहीं थी। वहीं असम प्रशासन इस वीडियो को गंभीर मानते हुए कानूनी प्रक्रिया में तेजी ला रहा है।
राजा रघुवंशी मर्डर केस अब सिर्फ इंदौर तक सीमित नहीं रहा। असम पुलिस की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का बयान सार्वजनिक भावना और कानून के दायरे में आंका जाएगा। सृष्टि रघुवंशी पर दर्ज हुआ यह केस अब दोनों राज्यों की पुलिस और न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती बनता जा रहा है।