Trump ने फिर बढ़ाई टैरिफ की समयसीमा, लेकिन भारत से व्यापार समझौते की उम्मीद बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की समयसीमा को बढ़ाया, जिससे भारत को कुछ राहत मिली है। हालांकि, 200% दवाओं और 50% तांबे पर शुल्क अब भी चर्चा में हैं। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता वार्ता अभी जारी है।

Trump  ने फिर बढ़ाई टैरिफ की समयसीमा, लेकिन भारत से व्यापार समझौते की उम्मीद बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ (शुल्क) से संबंधित फैसले को चर्चा में ला दिया है। उन्होंने भारत और अन्य BRICS देशों पर लगने वाले टैरिफ की समयसीमा को बढ़ा दिया है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि व्यापार समझौते की संभावनाएं अभी भी खुली हैं

US अमेरिका का कदम – राहत या रणनीति?

ट्रंप सरकार द्वारा लागू किए गए 200% टैक्स दरें भारतीय दवाओं पर और 50% टैक्स तांबे जैसे प्रमुख निर्यात उत्पादों पर लगाए जाने की घोषणा ने भारतीय उद्योग जगत में चिंता की लहर पैदा कर दी थी। हालांकि, अब इन टैरिफ्स को लागू करने की समयसीमा बढ़ा दी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खुला है

 भारत की रणनीति – व्यापार समझौते की उम्मीद

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने अमेरिका के साथ एक व्यापक व्यापार समझौते (Comprehensive Trade Deal) को लेकर बातचीत जारी रखी है। पिछले कई हफ्तों से दोनों देशों के अधिकारी निर्यात पर टैक्स, सेवा क्षेत्र और दवा उद्योग से जुड़े नियमों को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं।

भारत सरकार का मानना है कि इन टैरिफ्स को या तो वापस लिया जाए या सीमित किया जाए, जिससे भारतीय निर्यातकों को राहत मिल सके और दोनों देशों के व्यापारिक संबंध मजबूत हो सकें।

 ट्रंप का ब्रिक्स पर हमला

ब्रिक्स (BRICS - ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को ट्रंप ने एक बार फिर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि,

"इन देशों ने वैश्विक व्यापार में अमेरिका का फायदा उठाया है, अब उन्हें बराबरी का भुगतान करना होगा।"

इस बयान के बाद अमेरिका और ब्रिक्स देशों के बीच टकराव की आशंका और बढ़ गई है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध - कुछ आंकड़े:

  • भारत का दवा निर्यात (USA को): ₹1.5 लाख करोड़ सालाना

  • तांबे का निर्यात: भारत से अमेरिका को ₹12,000 करोड़ मूल्य का तांबा भेजा जाता है

  • दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार: 2024 में $200 अरब से अधिक

 विश्लेषण: क्या है आगे का रास्ता?

भारत के लिए ट्रंप के टैरिफ निर्णय एक अलर्ट सिग्नल है, लेकिन साथ ही यह बातचीत की गुंजाइश का दरवाजा भी खोलता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत नीति, लॉबिंग और कूटनीति के जरिए अमेरिकी हितों को संतुलित तरीके से संबोधित करता है, तो एक नया व्यापार समझौता निकट भविष्य में संभव है।

जहां एक ओर अमेरिका के टैरिफ निर्णय ने व्यापारिक चिंता बढ़ाई है, वहीं भारत के लिए यह एक अवसर भी है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक और रणनीतिक स्थिति को सशक्त रूप से रख सके। अब देखना होगा कि ये बातचीत व्यापार युद्ध में बदलती है या एक नई साझेदारी की शुरुआत बनती है।