राजस्थान गौसेवा समिति ने राजसमंद की गौशालाओं का किया औचक निरीक्षण, टोल नाका प्रबंधक को सौंपा गौवंश सुरक्षा ज्ञापन
बारिश में सड़कों पर बैठ रही गौमाताओं की सुरक्षा को लेकर राजस्थान गौसेवा समिति सक्रिय, गौशालाओं की व्यवस्था देखी, टोल प्रबंधक से की अपील
आमेट (राजसमंद)।
राजस्थान गौसेवा समिति, जयपुर की जिला कार्यकारिणी द्वारा मानसून के मौसम में गौमाताओं की सुरक्षा को लेकर विशेष पहल करते हुए राजसमंद जिले की प्रमुख गौशालाओं का औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण समिति के जिलाध्यक्ष जेठु सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी राम सहाय विजयवर्गीय, आदित्य कुमार शर्मा, मनीष पुरोहित, माधव सिंह पंवार सहित कई अन्य सदस्य मौजूद रहे।
◾ निरीक्षण का उद्देश्य:
गौरतलब है कि मानसून के समय अक्सर गौमाता सड़कों और राजमार्गों पर बैठ जाती हैं जिससे रात्रि में वाहन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। समिति ने इसी विषय को गंभीरता से लेते हुए न केवल गौशालाओं की व्यवस्थाओं की जांच की बल्कि संबंधित अधिकारियों और टोल प्रबंधकों से भी संवाद किया।
◾ पशुपालन विभाग से हुई चर्चा:
राजसमंद जिला मुख्यालय पर पशुपालन विभाग के निदेशक श्री शक्ति सिंह से मुलाकात कर गौशालाओं को समय पर मिलने वाले अनुदान में हो रही देरी पर चर्चा की गई। समिति ने सरकार से अनुरोध किया कि पूर्व की तरह अब भी गौशालाओं को समय पर अनुदान उपलब्ध कराया जाए, जिससे बारिश में गौमाताओं की देखरेख में कोई बाधा न आए।
◾ टोल नाका प्रबंधक को सौंपा गया ज्ञापन:
माण्डावाड़ा टोल नाका के प्रबंधक बालमुकुंद को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें बताया गया कि वर्षा के चलते कई बार गौवंश सड़कों पर बैठ जाते हैं और रात्रि के समय इनकी वजह से दुर्घटनाएं होती हैं। समिति ने आग्रह किया कि टोल नाके की रात्रि गश्ती टीम ऐसे किसी भी पशु को देखकर तुरंत उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए और वाहनों का रूट आवश्यकता अनुसार परिवर्तित करे ताकि गौवंश की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
◾ टोल प्रबंधक का आश्वासन:
टोल नाका प्रबंधक बालमुकुंद ने जानकारी दी कि उनकी टीम हर रात 38 किलोमीटर के नेशनल हाईवे पर गश्त करती है और जहां भी कोई गौवंश सड़क पर दिखाई देता है, उसे हटाकर किनारे सुरक्षित किया जाता है। साथ ही आवश्यक होने पर ट्रैफिक को भी नियंत्रित किया जाता है। यह व्यवस्था पूर्व से लागू है और भविष्य में भी जारी रहेगी।
◾ प्रमुख गौशालाओं का निरीक्षण और सुझाव:
इसके बाद समिति ने राजसमंद जिले की प्रमुख गौशालाओं का भी दौरा किया, जिसमें शामिल रहीं:
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संत पीपाजी गौशाला, जनावद (निकट गोमती) – अध्यक्ष: खेमराज भाटी, व्यवस्थापक: कैलाश जोशी
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श्रीमती नोजीबाई खेमराज कोठारी गौशाला, चारभुजा – अध्यक्ष: चेतन मादरेचा, मंत्री: महेंद्र कोठारी, व्यवस्थापक: सुरेश गुर्जर
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श्री रूपलक्ष्मी गौशाला, सेवन्त्री – व्यवस्थापक: सुभाष राजपुरोहित, उपाध्यक्ष: सोहनलाल पुखराज
गौशालाओं में वर्षा ऋतु में गौमाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और उचित दिशा-निर्देश दिए गए। बारिश के दौरान विशेष रूप से चारे, पानी और शेड की पर्याप्त व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
◾ सरकार से अनुदान और मानदेय की मांग:
गौशाला संचालकों ने सरकार से गौशालाओं को उचित मानदेय और समय पर अनुदान उपलब्ध कराने की मांग रखी। इस पर जिलाध्यक्ष जेठु सिंह राजपुरोहित ने भरोसा दिलाया कि समिति इस मांग को सरकार तक पहुंचाएगी और समाधान के लिए लगातार प्रयास करेगी।