ईरान-इज़राइल टकराव: 150 से अधिक ठिकानों पर मिसाइल हमले, रक्षा मंत्रालय और ऑयल डिपो रहे निशाने पर
ईरान-इज़राइल संघर्ष: मिसाइल हमलों में 150 से अधिक ठिकानों पर हमला, तनाव चरम पर

तेहरान / यरुशलम | 15 जून 2025
मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर खड़ा है, क्योंकि ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव ने शनिवार रात को एक नया रूप ले लिया। बीते 48 घंटों में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई मिसाइलें दागीं, जिससे कई इलाकों में भारी तबाही मच गई है।
इजराइल का दावा: रक्षा मंत्रालय और 150 से अधिक ठिकानों को किया गया निशाना
इज़राइल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने दावा किया है कि उसने शनिवार देर रात तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय पर हमला किया है। साथ ही, बुशहर और तेहरान में स्थित तेल डिपो, गैस रिफाइनरी, और सैन्य अड्डों सहित 150 से अधिक रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ईरान का पलटवार: तेल अवीव और हाइफ़ा में धमाके
वहीं, ईरान ने इज़राइल के तेल अवीव, हाइफ़ा, और नेगेव इलाकों में मिसाइल हमलों का दावा किया है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इज़राइल के हाइफ़ा मिलिट्री बेस और एक रडार स्टेशन पर भी हमले किए गए। हालांकि, इन हमलों की पुष्टि स्वतंत्र सूत्रों से नहीं हो सकी है।
बातचीत की उम्मीदों को झटका
अभी हाल ही में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा और अमेरिका-यूरोप शांति वार्ता के प्रयासों के बावजूद, यह हमला कूटनीतिक बातचीत की उम्मीदों पर पानी फेरता नज़र आ रहा है।
UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं अमेरिका और रूस ने भी स्थिति को लेकर चिंता जताई है।
आम नागरिकों पर असर
तेहरान और बुशहर में किए गए हमलों के बाद कई नागरिक इलाकों में आग लग गई, जिससे अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। कई रिहायशी क्षेत्रों से लोगों को निकाला गया है।
इज़राइल में भी एयर डिफेंस सिस्टम "आयरन डोम" को सक्रिय कर दिया गया है।
संघर्ष का बढ़ता दायरा: क्या ये युद्ध की शुरुआत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा। लेबनान के हिज़बुल्लाह और यमन के हौती विद्रोहियों ने भी बयान जारी किए हैं कि अगर इज़राइल ने हमला जारी रखा, तो वे ईरान के समर्थन में युद्ध में कूद सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय:
प्रो. रमी बेन सिमोन (जेरुशलम यूनिवर्सिटी) का कहना है कि “यदि यह संघर्ष यूं ही जारी रहा, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की चिंगारी भी बन सकता है।”
वहीं, ईरानी रक्षा विशेषज्ञ अली नज़रदीन ने कहा, “ईरान अपने आत्मसम्मान के लिए आखिरी दम तक लड़ेगा।”