उदयपुर में राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत सम्मान समारोह आयोजित, 56 विद्वानों को किया गया सम्मानित
उदयपुर के सुखाड़िया रंगमंच में राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत्जन सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह में 56 विद्वानों को चार वर्गों में सम्मानित किया गया और संस्कृत शिक्षा विभाग की कई प्रकाशन सामग्री का विमोचन हुआ।
राज्य स्तर पर संस्कृत भाषा और विद्वत परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आयोजित संस्कृत विद्वत्जन सम्मान समारोह का भव्य आयोजन आज नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच सभागार में हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी ने समारोह की गरिमा को बढ़ाया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत मंत्री श्री मदन दिलावर ने की।
अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, सारस्वत अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के निदेशक प्रो. वाई एस रमेश, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन और ग्रामीण विधायक श्री फूल सिंह मीणा भी मंचासीन रहे।
विशेष आकर्षण के रूप में माकड़ादेव आश्रम झाड़ोल के संत श्री गुलाबदास जी महाराज का दिव्य सान्निध्य भी प्राप्त हुआ।
चार वर्गों में 56 संस्कृत विद्वानों को किया गया सम्मानित
समारोह के दौरान चार वर्गों में चयनित कुल 56 संस्कृत साधकों को सम्मानित किया गया। संस्कृत साधना शिखर सम्मान से चित्तौड़गढ़ निवासी श्री कैलाश चंद्र मूंदड़ा को सम्मानित किया गया, जो संस्कृत के प्रचार-प्रसार में दशकों से सक्रिय हैं।
प्रकाशन और विमोचन
इस अवसर पर राजकीय आदर्श वेद विद्यालय के लोगो का अनावरण किया गया। इसके साथ ही संस्कृत शिक्षा विभाग की वार्षिक पत्रिका “श्रावणी”, बाल वाटिका पुस्तक और SSC-IT का पंचांग भी विमोचित किए गए।
प्रशासनिक सहभागिता
कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, संस्कृत शिक्षा आयुक्त प्रियंका जोधावत सहित विभाग के अनेक अधिकारी, शिक्षकगण, संस्कृत प्रेमी, छात्र एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
यह समारोह न केवल संस्कृत को सम्मानित करने का प्रतीक बना, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को इसकी गौरवशाली विरासत से जोड़ने की प्रेरणा भी दे गया।