स्वदेशी भाव से ही भारत बनेगा सिरमौर : दुर्गसिंह* धौरीमन्ना :

स्वदेशी भाव से ही भारत बनेगा सिरमौर : दुर्गसिंह* धौरीमन्ना :

*स्वदेशी भाव से ही भारत बनेगा सिरमौर : दुर्गसिंह*
धौरीमन्ना :

विद्या भारती विद्यालय आदर्श विद्या मंदिर धोरीमना में  स्वदेशी जागरण सप्ताह के तहत् संस्कृति बोध परियोजना के अखिल भारतीय संयोजक दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने भैया बहनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें प्रतिदिन अपने देश में निर्मित वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। अपने देश की वस्तुएं अपने देश की गतिविधियां उसमें हमें बढ़-चढ़कर के भाग लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमें स्वदेशी के रूप में अपने देश की भाषा, अपने देश का खानपान, अपने देश का रहन सहन और अपने देश में निर्मित वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। हमें गर्व होना चाहिए कि भारत अब दुनिया में खान- पान, रहन- सहन, अपनी नीतियों के कारण लगातार आगे बढ़ रहा है यदि हम भी इस पहल में लगकर स्वदेशी को अपनाएंगे तो वह दिन दूर नहीं कि भारत से निर्मित वस्तुओं की मांग विदेशों में बढ़ने वाली है और फिर से भारत दुनिया में सिरमौर बनेगा। 
इस अवसर पर विद्या मंदिर के आचार्य गणपत राम विश्नोई ने स्वदेशी स्वरचित कविता के माध्यम से अपने भाव भी रखें साथ ही भैया बहिनों ने भी विचार रखे।
 इस कार्यक्रम में जिला सचिव पूनमचंद पालीवाल व्यवस्थापक नरपत सिंह चौहान, सुरेश पुंगलिया, तेजसिंह चौहान, चेतना नंद बोहरा, आचार्य भैया बहिन उपस्थित रहे।