कड़ाके की सर्दी में झाड़ियों में पड़ी मिली बच्ची…

मॉर्निंग वॉक पर निकले 4 दोस्तों ने नवजात की रोने की आवाज सुनी तो उनके पैर ठिठक गए। कड़ाके की ठंड के बीच सुबह-सुबह बबूल की झाड़ियों से आई आवाज से इनके कान खड़े हो गए थे।

कड़ाके की सर्दी में झाड़ियों में पड़ी मिली बच्ची…
कड़ाके की सर्दी में झाड़ियों में पड़ी मिली बच्ची…

कड़ाके की सर्दी में झाड़ियों में पड़ी मिली बच्ची…
बाड़मेर

मॉर्निंग वॉक पर निकले 4 दोस्तों ने नवजात की रोने की आवाज सुनी तो उनके पैर ठिठक गए। कड़ाके की ठंड के बीच सुबह-सुबह बबूल की झाड़ियों से आई आवाज से इनके कान खड़े हो गए थे। चारों झाड़ियों की ओर बढ़े। कंटीले पौधों के बीच एक पैकेट पड़ा था। उसी में से नवजात के रोने की आवाज आ रही थी। बड़ी मुश्किल से उस पैकेट को खींच कर बाहर लाए। शॉल और कुछ पुराने कपड़ों में लिपटी बच्ची उसमें से निकली। मामला बाड़मेर के बालोतरा शहर का है।

खा जाते कुत्ते और सूअर

मुकेश कुमार, मांगीलाल, प्रकाश कुमार, राजू कुमार चारों दोस्त हैं। बालोतरा के वार्ड संख्या 28, सांसी कॉलोनी के ये रहने वाले हैं। मुकेश कुमार कपड़े के शोरूम में काम करता है। प्रकाश कुमार की डेयरी है। मांगीलाल व प्रकाश हॉकर हैं। रविवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे चारों मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। रेलवे स्टेशन से गुजरते समय नवजात के रोने की आवाज आई थी। मुकेश ने बताया- हमने इधर उधर ढूंढा। खुले में कोई बच्चा दिखा नहीं दिया। झाड़ियों के बीच में एक पैकेट पड़ा था। उसे बाहर लाकर खोला। पुराने कपड़ों और शॉल में लिपटी बच्ची निकली। हम दोस्तों का सबसे पहला मकसद यही था कि इस बच्ची की जान किसी तरह बचनी चाहिए। मौके पर कुत्ते व सूअर ज्यादा रहते हैं। अच्छा हुआ हम लोग पहुंच गए। वरना कुत्ते व सूअर खा जाते।
बाड़मेर के बालोतरा स्थित राजकीय नाहटा हॉस्पिटल के शिशु केयर यूनिट में लावारिस मिली नवजात का इलाज चल रहा है।

राह चलते लोग बोले- फेंक दे, वरना फंस जाएगा

मुकेश ने बताया- नवजात बच्ची को झाड़ियों से रेलवे स्टेशन के पास सर्किल पर लेकर आया। लोगों की काफी भीड़ लग गई। बाइक पर गुजर रहे लोग बोलने लगे नवजात बच्ची को फेंक दे वरना फंस जाएगा। हम बच्ची को राजकीय नाहटा हॉस्पिटल ले गए। वहां पर भर्ती करवा दिया।

नवजात बच्ची को हॉस्पिटल पहुंचाने वाले मुकेश का कहना है कि उस इलाके में कुत्ते व सूअर ज्यादा हैं। गनीमत यह रही कि हमलोगों का ध्यान नवजात के रोने पर चला गया और उसे निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले आए।

डॉक्टर बोले- बच्ची की तबीयत ठीक है

नाहटा अस्पताल के डॉक्टर कमल मुंदड़ा ने बताया- बच्ची का शरीर काफी ठंडा था। नवजात को हॉस्पिटल लाते ही उसे वार्म करना शुरू कर दिया था। बच्ची का वजन करीब 2.7 किलोग्राम है। तबीयत ठीक है। इलाज चल रहा है। हॉस्पिटल लाने से 10-15 घंटे पहले ही बच्ची का जन्म हुआ था। नाहटा हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. भवानी शंकर का कहना है कि बच्ची का इलाज शिशु केयर यूनिट में चल रहा है। डॉक्यूमेंट कार्रवाई के बाद नवजात को बाड़मेर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा।

सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ जांच शुरू

बालोतरा थाने के एएसआई लूणाराम ने बताया- 9 माह पूरे होने के बाद बच्ची का जन्म हुआ है। बच्ची रेलवे स्टेशन की पटरियों के पास बबूल की झाड़ियों में मिली है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आसपास के प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल में डिलीवरी होने वालों की जांच की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा। इलाके के लोगों से पूछताछ की जा रही है। जीआरपी पुलिस व बालोतरा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची थी