राजसमन्द: पशु मेलों को सांस्कृतिक मेलों में बदलने की मांग, गोवंश तस्करी पर रोक लगाने की अपील
राजस्थान गो सेवा समिति ने राजसमन्द जिले के कुरज, कुंवारिया और देवगढ़ में होने वाले पशु मेलों को आमेट की तर्ज पर सांस्कृतिक मेलों में बदलने और देशी नस्ल के गोवंश की खरीद-फरोख्त व तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है। समिति ने चेतावनी दी है कि अवैध पशु व्यापार जारी रहा तो गोभक्त धरना-प्रदर्शन करेंगे।
आमेट की तर्ज पर सांस्कृतिक मेलों की मांग, गोवंश की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की अपील
राजसमन्द। राजस्थान गो सेवा समिति, जयपुर की राजसमन्द शाखा ने जिले में होने वाले पशु मेलों को सांस्कृतिक मेलों में बदलने की मांग उठाई है। समिति ने इस संबंध में राजसमन्द विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, जिला कलेक्टर अरुण कुमार हसीजा, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता समेत उपखण्ड अधिकारियों और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
समिति का कहना है कि आने वाले दिनों में ग्राम कुरज (तहसील रेलमगरा), कुंवारिया और देवगढ़ में पशु मेले आयोजित होने वाले हैं। इन मेलों में बड़ी संख्या में गोवंश की खरीद-फरोख्त होती है और तस्करी के जरिए उन्हें कत्लखानों तक पहुँचाया जाता है, जो कि उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
समिति की मुख्य आपत्तियाँ
-
उच्च न्यायालय राजस्थान ने गोरक्षा दल सेवा समिति बनाम राजस्थान राज्य (D.B. Civil Writ Petition No. 2009/2015) में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन उनकी अवहेलना करते हुए पशु मेले आयोजित किए जा रहे हैं।
-
मेलों में किसान बनकर गोवंश तस्कर पशुओं की खरीद करते हैं, जबकि वे कृषक के मानकों को पूरा नहीं करते।
-
नियमों के अनुसार 3 वर्ष से कम आयु के नंदी और गोवंश मेलों में लाए या बेचे नहीं जा सकते, लेकिन इन प्रतिबंधों का पालन नहीं किया जाता।
-
पशु परिवहन अधिनियम का उल्लंघन कर बिना कागजात देशी नस्ल के पशुओं की अवैध खरीद-फरोख्त की जाती है।
समिति की मांग
राजस्थान गो सेवा समिति ने प्रशासन से आग्रह किया है कि आमेट मेले की तर्ज पर जिले के अन्य मेलों को भी सांस्कृतिक स्वरूप दिया जाए। यदि राज्य सरकार पशु मेले आयोजित करती भी है, तो उनमें देशी नस्ल के पशुधन की खरीद-फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
समिति ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मुद्दे पर संज्ञान नहीं लिया और अवैध गतिविधियाँ जारी रहीं, तो राजसमन्द के गोभक्त धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष जेठु सिंह राजपुरोहित, महामंत्री सुशील बड़ाला, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम आमेटा सहित मिठालाल शर्मा, शंकर लाल, दीपक, गोपाल उपाध्याय, मोहनलाल, राकेश गोयल, कमलेश पालीवाल, सूदेश सोनी, अनिल पातिवाल, बसंत पालीवाल, भमूत सिंह कितावत, परसराम तेली, नानालाल तेली, हरीभगवान बंग, तेजराम कुमावत और रामसहाय विजयवर्गीय आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।