67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन: 24 शहरों में गूंजेगा शास्त्रीय संगीत का महोत्सव | Udaipur Event News
प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन 2 से 29 नवंबर 2025 तक देश के 24 शहरों में आयोजित होगा। उदयपुर में 8 नवंबर को राजस्थान कृषि महाविद्यालय सभागार में मोहम्मद अमान और डॉ. विजेंद्र गौतम देंगे सुरमयी प्रस्तुतियां।
67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन: शास्त्रीय संगीत की स्वर-यात्रा का पुनः आरंभ, 24 शहरों में गूंजेगी सुरों की सरिता
उदयपुर, 4 नवम्बर।
भारतीय संगीत परंपरा के गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाते हुए प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन देशभर के 24 शहरों में आयोजित किया जा रहा है। यह भव्य श्रृंखला 2 से 29 नवम्बर 2025 तक चलेगी, जिसमें हिंदुस्तानी, कर्नाटक, सुगम संगीत और लोक संगीत की श्रेष्ठ प्रतिभाएं अपनी प्रस्तुति देंगी।
1954 में प्रारंभ हुआ यह सम्मेलन भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे प्रतिष्ठित परंपराओं में से एक माना जाता है। वर्षों से यह मंच अनेक नामचीन कलाकारों को पहचान दिलाता रहा है। संगीत और संस्कृति के इस अद्भुत संगम की हर वर्ष संगीत प्रेमियों को प्रतीक्षा रहती है।
कोविड-19 महामारी के संक्षिप्त अवरोध को छोड़कर यह यात्रा 1954 से अब तक निरंतर जारी है।
उदयपुर में 8 नवम्बर को होगा आयोजन
क्षेत्रीय उप महानिदेशक, आकाशवाणी राजेन्द्र नाहर ने बताया कि इस श्रृंखला के तहत उदयपुर में 8 नवम्बर (शनिवार) शाम 7 बजे से राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर ‘बंदिश बैंडिट्स’ वेब सीरीज़ के प्रसिद्ध गायक मोहम्मद अमान शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे, वहीं डॉ. विजेंद्र गौतम गीत और ग़ज़ल से शाम को सुरमयी बनाएंगे।
श्रोताओं के लिए विशेष आमंत्रण व्यवस्था
नाहर ने बताया कि इस संगीत सम्मेलन हेतु आमंत्रण पत्र आकाशवाणी उदयपुर, मोहता पार्क स्थित कार्यालय से कार्य दिवसों में दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं।
इस पूरे आयोजन की रिकॉर्डिंग आकाशवाणी, दूरदर्शन और प्रसार भारती के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (DD National, YouTube आदि) पर प्रसारित की जाएगी। इसका प्रसारण 26 दिसंबर 2025 से 23 जनवरी 2026 तक प्रत्येक रात 10 से 11 बजे तक किया जाएगा।
संगीत का सतत उत्सव
आकाशवाणी संगीत सम्मेलन न केवल स्थापित कलाकारों को मंच देता है, बल्कि नई पीढ़ी की प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। भारतीय संस्कृति, राग, सुर और भाव के इस वार्षिक उत्सव से देश की संगीत परंपरा जीवंत बनी हुई है।



