CM Bhajanlal Sharma to Review Tribal Gaurav Year Preparations in Udaipur
Rajasthan CM Bhajanlal Sharma to visit Udaipur on Friday to review preparations for Birsa Munda 150th Jayanti and Tribal Gaurav Year celebrations.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को उदयपुर में करेंगे जनजातीय गौरव वर्ष की तैयारियों की समीक्षा
उदयपुर,
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को उदयपुर प्रवास पर रहेंगे, जहां वे भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
इससे पूर्व जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने बुधवार को टीएडी आयुक्त कार्यालय में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री के आगमन और कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

???? मुख्यमंत्री का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री श्री शर्मा शुक्रवार सुबह 10.45 बजे जयपुर से राजकीय विमान द्वारा प्रस्थान करेंगे और 11.35 बजे उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से वे सड़क मार्ग द्वारा शोभागपुरा 100 फीट रोड स्थित होटल रमाड़ा एन्कोर पहुंचेंगे, जहां दोपहर 12 बजे जनजातीय गौरव वर्ष से जुड़ी तैयारियों एवं डूंगरपुर में प्रस्तावित राज्य स्तरीय समारोह की समीक्षा बैठक करेंगे।
इसके बाद मुख्यमंत्री दोपहर 2.50 बजे उदयपुर एयरपोर्ट से वडोदरा (गुजरात) के लिए प्रस्थान करेंगे।
????️ तैयारी बैठक में हुई प्रमुख चर्चाएं
मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले आयोजित समीक्षा बैठक में
संभागीय आयुक्त एवं कार्यवाहक कलेक्टर सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी,
टीएडी आयुक्त के. एल. स्वामी,
यूडीए आयुक्त राहुल जैन,
अतिरिक्त आयुक्त टीएडी के. पी. सिंह,
टीआरआई निदेशक ओ. पी. जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री श्री खराड़ी ने जनजातीय गौरव वर्ष के तहत अब तक आयोजित कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली समीक्षा बैठक के एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने संबंधित विभागों को सभी व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
✨ पृष्ठभूमि
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को राजस्थान सरकार द्वारा “जनजातीय गौरव वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के जनजातीय अंचलों में सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं विकासपरक गतिविधियों की श्रृंखला चल रही है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपरा और योगदान को जन-जन तक पहुंचाना है।



