उदयपुर में अधिवक्ताओं का शांतिपूर्ण प्रदर्शन, पुलिस व्यवहार पर जताई चिंता — SOP व सुरक्षा नीति की मांग
उदयपुर में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने शांतिपूर्ण मार्च निकालते हुए पुलिस SOP और सुरक्षा नीति की मांग की। कोर्ट परिसर से कलेक्ट्रेट तक हुए प्रदर्शन में समन्वय और सम्मान की अपील की गई। जानिए पूरी खबर निष्पक्ष रूप में।
उदयपुर।
राजस्थान के प्रमुख न्यायिक केंद्रों में शुमार उदयपुर में सोमवार को बार एसोसिएशन के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर न्यायिक व्यवस्था के सहयोगी तंत्र—पुलिस और अधिवक्ताओं—के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
यह प्रदर्शन किसी भी विरोध भावना या असहमति की जगह, संवाद और सुधार की भावना के साथ किया गया, जिसमें वकीलों ने कहा कि उनकी यह पहल दो महत्वपूर्ण संस्थानों—न्याय और सुरक्षा व्यवस्था—के बीच परस्पर सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में है।
प्रदर्शन का उद्देश्य:
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सैकड़ों अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर से जिला कलेक्टरेट तक मार्च निकालकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में निम्नलिखित सुझाव/मांगें प्रमुख थीं:
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पुलिसकर्मियों और अधिवक्ताओं के बीच संवाद के लिए स्थायी SOP तैयार किया जाए
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अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक राज्यस्तरीय नीति लागू की जाए
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न्यायिक परिसर में किसी भी असहज स्थिति से बचाव के लिए संयुक्त निरीक्षण और संवाद तंत्र विकसित किया जाए
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प्रत्येक घटना की गहन जांच सुनिश्चित हो और निष्पक्ष समाधान निकले
बार एसोसिएशन की बात:
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा:
"हमारा यह मार्च किसी विभाग के विरुद्ध नहीं है। यह केवल हमारी पेशेवर गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति है। हम चाहते हैं कि वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच समन्वय बने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।"
नारे और भावना:
प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने "संविधान की रक्षा हमारी जिम्मेदारी", "वकील और पुलिस मिलकर बनाएं भरोसेमंद व्यवस्था", "सुरक्षा की गारंटी, सम्मान की नीति" जैसे नारों के माध्यम से अपनी बात रखी। पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं देखी गई।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
जिला कलेक्टर कार्यालय ने अधिवक्ताओं के ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए आश्वस्त किया कि संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर इस विषय पर उचित विचार किया जाएगा।
पुलिस प्रशासन ने भी कहा कि अगर कोई गलतफहमी हुई है, तो उसे सुलझाने की दिशा में खुला संवाद किया जाएगा।
भविष्य की पहल:
बार एसोसिएशन ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि राज्य स्तर पर इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए एक ठोस ढांचा तैयार किया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो राजस्थान बार काउंसिल के माध्यम से सरकार से वार्ता की जाएगी।