अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत

उदयपुर में आयोजित अन्त्योदय संबल शिविरों में वर्षों पुराने राजस्व विवाद और आवासीय पट्टा प्रकरणों का मौके पर निस्तारण हुआ। 80 वर्षीय किसान को पुरखों की जमीन वापस मिली, एक ग्रामीण को 40 साल बाद मिला आवासीय पट्टा। मंत्री ने भी शिविरों का अवलोकन कर जनसंवाद किया।

अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
अन्त्योदय शिविरों ने लौटाया जनविश्वास: वर्षों से लंबित मामलों का त्वरित समाधान, किसानों और ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत

राजस्थान सरकार द्वारा जनकल्याण के उद्देश्य से चलाए जा रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा का प्रभाव अब धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। उदयपुर जिले के विभिन्न ब्लॉकों में आयोजित अन्त्योदय शिविरों ने सैकड़ों लोगों को वर्षों से लंबित मामलों में राहत दी है और एक बार फिर सरकार और प्रशासन में जन विश्वास को मजबूती प्रदान की है।

पुरखों की ज़मीन मिली वापस: 80 वर्षीय किसान को मिला वर्षों बाद न्याय

सायरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत रोयडा में लगे अन्त्योदय शिविर में एक मिसाल कायम हुई। 80 वर्षीय वृद्ध किसान शंकरिया पुत्र सवा कई वर्षों से एक तकनीकी त्रुटि के कारण अपनी आधी (1/2) ज़मीन का अधिकार खो चुके थे।
राजस्व रिकॉर्ड में गलती से उनका हिस्सा चौथाई (1/4) रह गया था। वर्षों से न्याय के लिए प्रयासरत शंकरिया ने अन्त्योदय शिविर में पहुंचकर मामला अधिकारियों के समक्ष रखा।

उपखंड अधिकारी शुभम भैसारे (IAS) और तहसीलदार सुरेश मेहता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही दस्तावेज़ों की जाँच करवाई। कुछ ही मिनटों में त्रुटि की पुष्टि हुई और शंकरिया को उनका वास्तविक आधा हिस्सा पुनः राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया गया।

शंकरिया की आंखों में उमड़ते भाव और चेहरे पर खिली मुस्कान इस बात की साक्षी थी कि प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता से किस तरह आमजन को वर्षों बाद भी न्याय मिल सकता है।


40 वर्षों बाद मिला घर का हक: ग्रामीण को मिला आवासीय पट्टा

तिरोल ग्राम पंचायत, सायरा ब्लॉक में आयोजित शिविर में खेमाराम गमेती पुत्र कालूराम गमेती, निवासी बांसलिया, पिछले चार दशकों से अपने मकान के लिए आवासीय पट्टे की प्रतीक्षा कर रहे थे। सरकारी गलियारों की प्रक्रिया में अटका उनका मामला अन्त्योदय शिविर में आया तो विकास अधिकारी महीप सिंह जागावत ने इसे गंभीरता से लिया।

मौके पर ही राजस्थान लैंड रेवेन्यू रूल्स 157(1) के तहत नियमों का पालन करते हुए आवासीय पट्टा स्वीकृत किया गया
पट्टा प्राप्त होते ही खेमाराम भावुक हो गए – वर्षों की पीड़ा का अंत और नए अधिकार की शुरुआत इस शिविर के माध्यम से हुई।


जनप्रतिनिधियों की भागीदारी: मंत्री खराड़ी ने किया शिविरों का निरीक्षण

राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को ग्राम पंचायत दमाणा, मादला व पीपलवारा में आयोजित शिविरों का दौरा किया। उन्होंने शिविर स्थल पर लाभार्थियों से संवाद कर राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया और मौके पर ही प्रमाण-पत्रों का वितरण और पौधरोपण किया।

अभियान के तहत सोमवार को आयोजित शिविर

सोमवार को गिर्वा, खेगरों की भाल, कुराबड़, वसु, कठार, ईसवाल, मावली, घासा, वल्लभनगर, भीण्डर, गोगुन्दा, सायरा, झाड़ोल, फलासिया, खेरवाड़ा, नयागांव, ऋषभदेव और कोटड़ा की अनेक पंचायतों में अन्त्योदय शिविर लगे। हर शिविर में राजस्व, सामाजिक सुरक्षा, पट्टा वितरण, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन जैसे मुद्दों पर त्वरित समाधान किया गया।

जनप्रतिनिधियों की भागीदारी: मंत्री खराड़ी ने किया शिविरों का निरीक्षण

राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को ग्राम पंचायत दमाणा, मादला व पीपलवारा में आयोजित शिविरों का दौरा किया। उन्होंने शिविर स्थल पर ग्रामीणों से संवाद कर राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया और मौके पर प्रमाण-पत्र वितरित किए।

शिविर स्थल पर पौधरोपण करते जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी।
मंत्री ने अपने दौरे के दौरान पर्यावरण संरक्षण की ओर संकेत करते हुए पौधरोपण भी किया, जो ग्रामीणों के बीच सकारात्मक संदेश लेकर आया।