ऑपरेशन स्माईल: उदयपुर में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
राजस्थान पुलिस व यूनिसेफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस अधिकारियों को संवेदनशीलता, कानून व व्यवहार संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए।
उदयपुर,
राजस्थान पुलिस द्वारा राज्य भर में चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माईल अभियान के अंतर्गत उदयपुर रेंज पुलिस और यूनिसेफ राजस्थान के सहयोग से ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और कल्याण पर केंद्रित एक रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन विद्या भवन ऑडिटोरियम, फतहपुरा, उदयपुर में किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य पुलिस विभाग को ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाना और समुदाय के सदस्यों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना था।
मुख्य अतिथि का वक्तव्य
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्री हर्ष रतनू ने कहा:
"ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। पुलिस विभाग इस दिशा में संवेदनशील और सजग होकर कार्य कर रहा है।"
उन्होंने थाना स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारियों को ट्रांसजेंडर से संबंधित अधिनियमों का अध्ययन करने और उनके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश दिए।
संस्थान व विशेषज्ञों के वक्तव्य
नई भोर संस्थान की निदेशक पुष्पा माई ने ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों के व्यवहार और प्रक्रियाओं पर गहन मार्गदर्शन दिया। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं जैसे स्माइल योजना, गरिमा गृह, और ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की जानकारी साझा की।
चित्तौड़गढ़ एएसपी मुकेश सांखला ने पोक्सो एक्ट और ट्रांसजेंडर संबंधित पुलिस प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
पुलिस उप अधीक्षक चेतना भाठी ने ट्रांसजेंडर को 'अर्धनारीश्वर' कहकर समाज में उनके विशिष्ट स्थान को रेखांकित किया और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
समाज कल्याण विभाग के परामर्शदाता अमित भट्ट ने ट्रांसजेंडर पेंशन योजना, छात्रवृत्ति, रजिस्ट्रेशन पोर्टल और मानसिक सहायता सेवाओं की जानकारी दी।
गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. जितेन्द्र जीनगर ने मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को रेखांकित करते हुए हेल्पलाइन 14416 और अवसाद से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा की।
यूनिसेफ सलाहकार श्रीमती सिंधु बिनुजीत ने महिला हेल्प डेस्क और पुलिस-समुदाय संवाद को मजबूत करने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।
विशेष सहभागिता और खुले संवाद
कार्यशाला में उदयपुर रेंज के सभी नोडल पुलिस अधिकारी, चाइल्ड लाइन प्रतिनिधि, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य, यूनिसेफ प्रतिनिधि, और 200 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
कार्यक्रम में 'जेंडर समानता' पर विशेष वीडियो व पीपीटी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। अंत में हुए खुले संवाद सत्र में प्रतिभागियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं और समाधान के लिए सुझाव दिए।
कार्यक्रम का संचालन श्री कुलदीप वर्मा द्वारा प्रभावी ढंग से किया गया।
विशेष आकर्षण:
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ट्रांसजेंडर प्रतिनिधियों की खुली भागीदारी
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पुलिस और समाज के बीच संवाद का सेतु
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जेंडर समानता पर वीडियो प्रस्तुति
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मानसिक स्वास्थ्य और हेल्पलाइन की जानकारी
यह कार्यशाला न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सूचना और सशक्तिकरण का मंच बनी, बल्कि राजस्थान पुलिस की सामाजिक प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता का प्रमाण भी बनी।