राजस्थान सरकार के 2 साल: डिजिटल गवर्नेंस से बढ़ा राजस्व, 14,200 करोड़ की ऐतिहासिक वृद्धि
राजस्थान सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष रिपोर्ट। डिजिटल गवर्नेंस, टैक्स सुधार और तकनीकी नवाचारों से प्रदेश के राजस्व में 12.60% वृद्धि, 14,200 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्ति।
राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष
डिजिटल गवर्नेंस से बदली राजस्थान की तस्वीर, राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि
एक साल में 14,200 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व, 12.60% की दर्ज हुई बढ़ोतरी
जयपुर/उदयपुर, 17 दिसंबर।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया और गुड गवर्नेंस के संकल्प को जमीन पर उतारते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में राजस्व संग्रह और प्रशासनिक पारदर्शिता के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। “2 साल – नव उत्थान, नई पहचान | बढ़ता राजस्थान – हमारा राजस्थान” थीम के तहत राज्य सरकार के डिजिटल सुधार आज प्रदेश की आर्थिक मजबूती का आधार बनते नजर आ रहे हैं।
डिजिटलाइजेशन और आधुनिक तकनीक के प्रभावी उपयोग से जीएसटी, वाणिज्यिक कर, स्टाम्प एवं पंजीकरण, आबकारी, खनन, ऊर्जा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों में पारदर्शिता बढ़ी है। नियमों की सख्त अनुपालना सुनिश्चित हुई है तथा फर्जी बिलिंग, कर चोरी और अवैध खनन जैसी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगी है। इसका सीधा परिणाम यह रहा कि प्रदेश की वित्तीय क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
राजस्व में 12.60 प्रतिशत की वृद्धि, 14,200 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्ति
राज्य सरकार द्वारा टैक्स और नॉन-टैक्स दोनों श्रेणियों में संरचनात्मक सुधार लागू किए गए। डिजिटल मॉनिटरिंग, डेटा एनालिटिक्स और नीति-आधारित कार्ययोजनाओं के चलते वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के कुल राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 12.60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि 14,200 करोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त राजस्व के रूप में सामने आई है, जो राज्य के विकास कार्यों के लिए मजबूत आधार प्रदान कर रही है।
जीएसटी और वाणिज्यिक कर: डेटा-ड्रिवन सिस्टम से कर चोरी पर लगाम
जीएसटी एवं वाणिज्यिक कर विभाग ने रेवेन्यू इंटेलिजेंस आधारित विश्लेषण को सुदृढ़ करते हुए 45 से अधिक डेटा-ड्रिवन रिपोर्ट्स तैयार कीं। इनके माध्यम से फर्जी बिलिंग की पहचान कर उस पर सख्त कार्रवाई की गई।
ई-वे बिल मिलान, रिटर्न प्रोफाइलिंग, आधुनिक आईटी टूल्स और हाई-रिस्क करदाताओं की निगरानी से कर प्रणाली अधिक पारदर्शी बनी है। संदिग्ध एवं फर्जी पंजीकरणों को निरस्त किया गया, वहीं आईटीएमएस जैसे नवाचारों से व्यापारियों के लिए फाइलिंग प्रक्रिया सरल हुई, जिससे अनुपालन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
आबकारी विभाग: ई-लॉटरी और डिजिटल सप्लाई चेन से पारदर्शिता
आबकारी विभाग ने पिछले दो वर्षों में अवैध शराब निर्माण, परिवहन और बिक्री के खिलाफ इंटेलिजेंस आधारित सघन अभियान चलाए। बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त की गई और अवैध भट्टियों को नष्ट कर तस्कर गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई की गई।
ई-एक्साइज सिस्टम, क्यूआर-कोड आधारित ट्रैकिंग, डिजिटल परमिट और एंड-टू-एंड सप्लाई चेन मॉनिटरिंग से व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी है। शराब दुकानों के आवंटन में ई-लॉटरी प्रणाली लागू कर मानवीय हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को समाप्त किया गया।
स्टांप एवं पंजीकरण: 50 लाख से अधिक दस्तावेज, 20,599 करोड़ का राजस्व
स्टांप एवं पंजीकरण विभाग में ई-पंजीयन, ई-ग्रास, राज स्टाम्प और 181 हेल्पडेस्क जैसी ऑनलाइन सेवाओं से रजिस्ट्री प्रक्रिया तेज, सरल और पारदर्शी बनी है।
पिछले दो वर्षों में 50 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीकरण किया गया, जिससे 20,599 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। इससे नागरिकों के समय और लागत दोनों की बचत हुई है।
एमनेस्टी योजनाओं और रियायतों से आमजन और उद्योगों को राहत
राज्य सरकार ने डीएलसी दरों को सड़क की चौड़ाई और वास्तविक निर्माण लागत के अनुरूप न्यायसंगत बनाया। पारिवारिक संपत्ति हस्तांतरण, महिलाओं के नाम संयुक्त रजिस्ट्री, छोटे फ्लैटों की खरीद, टीडीआर और डेब्ट असाइनमेंट पर स्टांप ड्यूटी में महत्वपूर्ण रियायतें दी गईं।
पुराने भूमि कर और स्टांप ड्यूटी विवादों के समाधान के लिए लागू एमनेस्टी योजनाओं से उद्योगों और आम नागरिकों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही प्रदेश में 10 मिनी सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों को मॉडल ऑफिस के रूप में विकसित किया गया है, जबकि शेष 106 कार्यालयों को भी इसी श्रेणी में लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
डिजिटल सुधार बना विकास का आधार
राजस्थान सरकार के दो वर्षों का कार्यकाल यह दर्शाता है कि डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से न केवल राजस्व में वृद्धि संभव है, बल्कि प्रशासन को अधिक जवाबदेह और नागरिक-केन्द्रित भी बनाया जा सकता है। बढ़ता राजस्व आज राजस्थान के समग्र विकास, आधारभूत ढांचे और जनकल्याणकारी योजनाओं को नई गति दे रहा है।



