पत्रकारिता में क्रोध, द्वेषता ,लालच का स्थान नहीं*। *सजगता व जिम्मेदारी जरूरी*।
Anger, hatred, and greed have no place in journalism. Vigilance and responsibility are essential.
*पत्रकारिता में क्रोध, द्वेषता ,लालच का स्थान नहीं*।
*सजगता व जिम्मेदारी जरूरी*।
उदयपुर 16 नवंबर ।

प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में क्रोध, द्वेषता व लालच का स्थान नहीं ।सजगता और जिम्मेदारी बहुत जरूरी हैं।
रविवार को जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) उदयपुर इकाई की ओर से आयोजित दूसरी पत्रकार कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने कहीं।
विषय विशेषज्ञों में जार उदयपुर इकाई के संरक्षक व गांव री खबरा समाचार पत्र के संपादक नरेश शर्मा ने कहा की पत्रकारिता में पत्रकारों को सत्यनिष्ठा , ईमानदारी, सजकता व जिम्मेदारी पूर्ण कार्य करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की दुर्घटनाओं के समाचार के साथ ही ग्रामीण अंचल की कला व संस्कृति के समाचारों को भी अधिक से अधिक प्रिंट व डिजिटल मीडिया में स्थान देने के लिए कहा। पत्रकारिता व्यापक क्षेत्र है जिसमें सहयोग की भावना भी होना जरूरी हैं और पत्रकारिता निरंतर सीखने की एक प्रक्रिया है जिसे अपने से अग्रज व अनुज से भी सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा की सरकार द्वारा जो सुविधाएं शहरी पत्रकारों को मिलती है ग्रामीण पत्रकार साथियों को भी मिलनी चाहिए।
*डिजिटल मीडिया* पर हिमांशु परिहार ने कहा कि प्रिंट मीडिया एक समंदर है जो सभी तरह से जांच परख कर समाचारों को छापते हैं ।लेकिन वर्तमान में डिजिटल मीडिया भी *अंतरिक्ष का रॉकेट* है जिससे समाचार सुदूर स्थानों तक भी त्वरित गति से पहुंच जाता है। जिससे अच्छे कार्यों को बढ़ावा तो मिलता ही है और विभिन्न प्रकार की घटनाओं, दुर्घटनाओं पर तुरंत ही जिम्मेदारी के साथ सभी विभाग अपना काम व्यवस्थित सुचारू ढंग से कर सकते हैं। लेकिन डिजिटल मीडिया के दौर में अफवाहों पर ध्यान ना देकर समाचारों की पूर्ण पुष्टि के बाद ही प्रसारित करना चाहिए।
फतेहपुरा साइफन मार्ग स्थित उपासना श्रीमाली के हस्तशिल्प कला के कार्यालय पर आयोजित कार्यशाला में जार जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा राजदीप ,जार अनुशासन समिति के अनिल चतुर्वेदी ने भी विभिन्न संगठनात्मक विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया ।
हस्तशिल्प कला की उपासना श्रीमाली ने भी पत्रकारिता के माध्यम से ग्रामीण अंचल की अपनी कला संस्कृति को देश विदेश तक पहुंचाने के लिए कहा।
जार सदस्यों ने उपासना श्रीमाली का उपरना ओढ़ाकर स्वागत किया ।अंत में महासचिव दिनेश हाड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यशाला में मदन चौधरी,हरीश नवलखा, महिपाल शर्मा, दिनेश औदीच्य, बाबूलाल ओड, जितेंद्र माथुर, उमेश चौहान, सुनील कालरा,घनश्याम जोशी लक्ष्मण गौराना, अनिल कुमार खटीक, नारायण सेन, योवंत राज माहेश्वरी उपस्थित रहे।



