बाल दिवस पर भर्ती बच्चों की पेंटिंग प्रतियोगिता — अभिनेत्री पद्मप्रिया ने दिए पुरस्कार | RNT मेडिकल कॉलेज उदयपुर
आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में बाल दिवस पर भर्ती बच्चों के लिए विशेष पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित हुई। बच्चों ने अपनी कला से सभी का मन मोहा। साउथ इंडियन अभिनेत्री पद्मप्रिया जानकीरमन ने विजेताओं को पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम में डॉक्टरों और स्टाफ ने बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की।
उदयपुर न्यूज़ | बाल दिवस विशेष
भर्ती बच्चों की ज़िंदगी में घोले रंग — आरएनटी मेडिकल कॉलेज में बाल दिवस पर पेंटिंग प्रतियोगिता, साउथ इंडियन अभिनेत्री पद्मप्रिया ने बढ़ाया हौसला
उदयपुर। बाल दिवस के अवसर पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बाल चिकित्सालय में शुक्रवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम ने भर्ती बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। अस्पताल प्रशासन और एआईपी (AIP) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी कल्पना, रंगों और मासूम भावनाओं से ऐसा समां रचा कि पूरा परिसर एक छोटी सी आर्ट गैलरी में बदल गया।

किसी ने प्रकृति को उकेरा, किसी ने त्योहारों की खुशियों को रंग दिया, तो किसी ने अस्पताल में बीत रहे अपने अनुभवों को चित्रों के रूप में व्यक्त किया। हर चित्र में हिम्मत, आशा और मासूमियत साफ झलक रही थी। डॉक्टरों, नर्सों और अभिभावकों ने बच्चों की कला को देखकर भावुकता और खुशी का मिश्रित माहौल महसूस किया।
प्रतियोगिता के मूल्यांकन हेतु विशेषज्ञ पैनल मौजूद रहा। निर्णय के अनुसार प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री पद्मप्रिया जानकीरमन ने ट्रॉफी और उपहार देकर सम्मानित किया। उनकी उपस्थिति बच्चों के लिए एक यादगार सरप्राइज बन गई। अन्य सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन हेतु सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।
एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुमन ने बताया कि इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक दिशा देती हैं और उपचार के दौरान उन्हें खुशहाल वातावरण मिलता है। कार्यक्रम में एआईपी प्रतिनिधि डॉ. बी.एल. मेघवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सरीन, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा, डॉ. भूपेश, डॉ. नीतू, डॉ. निशांत, रेजिडेंट डॉक्टर एवं चिकित्सा स्टाफ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम ने सिद्ध कर दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी कला बच्चों को उम्मीद का नया रंग देती है, और बाल दिवस इससे बेहतर तरीके से शायद ही मनाया जा सकता था।



