ब्रह्माकुमारीज़ उदयपुर केंद्र का स्वर्ण जयंती समारोह सम्पन्न, कटारिया ने दिया स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का संदेश

उदयपुर में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का संदेश दिया।

ब्रह्माकुमारीज़ उदयपुर केंद्र का स्वर्ण जयंती समारोह सम्पन्न, कटारिया ने दिया स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का संदेश

ब्रह्माकुमारीज़ उदयपुर केंद्र का स्वर्ण जयंती समारोह भव्य रूप से सम्पन्न

स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन ही वर्तमान युग की आवश्यकता – राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया

उदयपुर, 22 दिसंबर।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, उदयपुर केंद्र के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन टाउनहॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच में हर्षोल्लास और आध्यात्मिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कटारिया ने कहा कि आज का मानव बाहरी संसाधनों में सुख खोजते हुए आंतरिक शांति से दूर होता जा रहा है। ऐसे अशांत और भागदौड़ भरे युग में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा दिया गया “स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन” का संदेश अत्यंत प्रासंगिक और मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि आत्मिक शांति, संयम और सकारात्मक चिंतन के माध्यम से ही समाज और विश्व में स्थायी परिवर्तन संभव है। इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ परिवार को स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं देते हुए संस्था के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उदयपुर केंद्र की संचालिका बीके रीटा दीदी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान उप क्षेत्रीय संचालिका बीके पूनम दीदी ने उदयपुर केंद्र की 50 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा, सेवा कार्यों और आध्यात्मिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्था द्वारा समाज में नैतिक मूल्यों, शांति और आत्मिक जागृति के प्रसार को रेखांकित किया। 

माउंट आबू मुख्यालय से पधारी विश्वविख्यात वरिष्ठ राजयोगिनी बीके शीलू दीदी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में एकता, विश्वास और विश्व शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज विश्व को बाहरी समाधान नहीं, बल्कि आंतरिक जागृति की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को सुख-शांति का शिव मंत्र प्रदान करते हुए आत्मिक सशक्तिकरण का मार्ग बताया।

समारोह में बीके डॉक्टर सविता दीदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी लौकिक मेडिकल शिक्षा और अलौकिक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत उदयपुर से ही हुई, जिसने उनके जीवन की दिशा को नई पहचान दी।

कार्यक्रम के दौरान राजस्थान की तपस्वी ब्रह्माकुमारी बहनों की गरिमामयी उपस्थिति ने संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया। भजन, ध्यान और आध्यात्मिक संदेशों के माध्यम से समारोह ने उपस्थित सभी अतिथियों को शांति और सकारात्मकता का अनुभव कराया। 

स्वर्ण जयंती समारोह ने न केवल उदयपुर केंद्र की आधी सदी की साधना और सेवा को स्मरणीय बनाया, बल्कि आने वाले समय में मानवता के कल्याण हेतु संस्था की निरंतर भूमिका को भी सशक्त रूप से रेखांकित किया।