उदयपुर में घूमर महोत्सव 2025 की तैयारियाँ शुरू | 12 नवम्बर से होंगी प्रशिक्षण कार्यशालाएँ | राजस्थान लोक संस्कृति और नारी सशक्तिकरण का संगम
राजस्थान की लोक संस्कृति और नारी सशक्तिकरण के प्रतीक ‘घूमर महोत्सव 2025’ की तैयारियाँ उदयपुर संभाग में शुरू हो गई हैं। 12 नवम्बर से प्रशिक्षण कार्यशालाएँ, 19 नवम्बर को राज्यभर में एक साथ आयोजन होगा। पर्यटन विभाग ने पोस्टर किया जारी, अनेक संस्थाओं ने दिखाई सहभागिता की उत्सुकता।
घूमर महोत्सव 2025: उदयपुर में सांस्कृतिक उमंग की तैयारियाँ शुरू, 12 नवम्बर से होंगी प्रशिक्षण कार्यशालाएँ
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर राज्यभर में एक साथ होगा आयोजन | उदयपुर संभाग में पर्यटन विभाग ने किया पोस्टर विमोचन
उदयपुर,
राजस्थान की लोक-संस्कृति, नारी-सशक्तिकरण और सामूहिक सहभागिता के प्रतीक ‘घूमर महोत्सव 2025’ की तैयारियाँ उदयपुर संभाग में जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। राज्य सरकार की पहल पर यह भव्य महोत्सव 19 नवम्बर (शनिवार) को राजस्थान के सभी सात संभागीय मुख्यालयों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य राजस्थान की लोकनृत्य परंपरा ‘घूमर’ को नई पीढ़ी के सामने नई रंगत, नई ऊर्जा और गौरव के साथ प्रस्तुत करना है।
पर्यटन विभाग में हुई बैठक और पोस्टर विमोचन
शुक्रवार को पर्यटन विभाग, उदयपुर में संयुक्त निदेशक सुमिता सरोच की अध्यक्षता में घूमर महोत्सव को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर महोत्सव का आधिकारिक पोस्टर विमोचन भी किया गया। बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, प्रशिक्षण सत्रों की तैयारी, प्रतिभागियों के पंजीकरण और आयोजन स्थलों के चयन पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में शहर की अनेक सामाजिक संस्थाओं, महिला संगठनों और क्लबों ने अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। इनमें रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर मीरा, नारी चेतना संस्थान, सीएआईटी, जीतो, सकल जैन समाज महिला विंग, कथक आश्रम, विरासत फोक डांस शो, मीरा प्रकाश वर्मा फाउंडेशन, वोमेन बिजनेस सर्किल जैसी संस्थाएँ प्रमुख रहीं।
इन संस्थाओं की ओर से रेखा सोनी, शुष्मा कुमावत, विजयलक्ष्मी गलुंडिया, विद्या वर्मा, चंद्रकला चौधरी, महेश अमेटा, रश्मि पगारिया, नवनीत छाबड़ा, शीतल गुप्ता, आचार्य अणिमा गोस्वामी और लव वर्मा सहित अनेक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
12 नवम्बर से प्रशिक्षण कार्यशालाएँ
संयुक्त निदेशक सुमिता सरोच ने बताया कि उदयपुर संभाग में 12 नवम्बर से घूमर प्रशिक्षण कार्यशालाएँ शुरू की जाएँगी। इन कार्यशालाओं के माध्यम से प्रतिभागियों को पारंपरिक घूमर नृत्य की शैली, मुद्राएँ और भावाभिव्यक्ति सिखाई जाएगी, ताकि महोत्सव में एकसमान प्रस्तुति दी जा सके।
उन्होंने कहा कि महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना और राजस्थान की लोकनृत्य परंपरा को जीवंत बनाए रखना है।
कौन कर सकता है भागीदारी
12 वर्ष से अधिक आयु की बालिकाएँ, युवतियाँ, गृहिणियाँ, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ, कॉलेज छात्राएँ और डांस संस्थाओं की सदस्याएँ इस महोत्सव में भाग ले सकेंगी।
प्रतिभागियों का पंजीकरण दो श्रेणियों— व्यक्तिगत और सामूहिक रूप में किया जा रहा है। प्रतियोगिता में केवल समूह भाग ले सकेंगे, जिसमें कम से कम 20 और अधिकतम 25 सदस्य होंगे।
पंजीकरण के लिए पर्यटन विभाग के संभागीय कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं, जहाँ प्रतिभागी सीधे जाकर जानकारी और आवेदन कर सकते हैं।
उदयपुर बनेगा सांस्कृतिक उत्सवों का केंद्र
पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना, सहायक निदेशक दिव्यानी वरडिया सहित विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ‘घूमर महोत्सव 2025’ उदयपुर को लोकनृत्य और जनभागीदारी का केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महोत्सव न केवल महिलाओं की प्रतिभा को मंच देगा, बल्कि उदयपुर की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय पटल पर पुनः स्थापित करेगा।



