प्रो. कुंदन माली को गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी के दो बड़े पुरस्कार | उदयपुर साहित्य समाचार
उदयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. कुंदन माली को गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2022 के लिए अनुवाद और बाल साहित्य श्रेणी में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। उनकी पुस्तकों ‘घर और आकाश’ तथा ‘कविता की गुल्लक’ का चयन अकादमी ने सम्मान के लिए किया है।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. कुंदन माली को गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी के दो प्रतिष्ठित पुरस्कार
उदयपुर,
उदयपुर के वरिष्ठ कवि, आलोचक और प्रख्यात अनुवादक प्रोफेसर कुंदन माली को साहित्यिक जगत में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा दो महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। साहित्य अकादमी के रजिस्ट्रार डॉ. जयंत सिंह जादव ने यह घोषणा करते हुए बताया कि वर्ष 2022 के लिए अकादमी ने प्रो. माली की दो अलग-अलग विधाओं में प्रकाशित पुस्तकों को पुरस्कार के लिए चुना है।
घोषणा के अनुसार—
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अनुवाद श्रेणी में प्रो. माली की पुस्तक ‘घर और आकाश’ को वर्ष 2022 के लिए सम्मानित किया जाएगा।
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इसी वर्ष के लिए बाल साहित्य श्रेणी में उनकी लोकप्रिय पुस्तक ‘कविता की गुल्लक’ को भी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
प्रो. कुंदन माली उदयपुर के टेकरी निवासी हैं और उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में 27 वर्षों तक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। हिंदी, राजस्थानी और अंग्रेजी—तीनों भाषाओं में समान दक्षता के साथ सृजन करने वाले प्रो. माली का नाम साहित्य जगत में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। वे केंद्रीय साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर, और राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों से सम्मानित हो चुके हैं।
साहित्य आलोचना, राजस्थानी एवं हिंदी अनुवाद के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और निरंतर योगदान उन्हें देशभर में विशिष्ट पहचान प्रदान करते हैं। वर्ष 2017–18 में उन्होंने राजस्थान साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका ‘मधुमति’ के संपादक के रूप में भी कार्यभार संभाला। अब तक वे तीनों भाषाओं में कुल 30 से अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं, जिनमें कविता, आलोचना, अनुवाद तथा बाल साहित्य की कई महत्वपूर्ण कृतियाँ शामिल हैं।
पुरस्कारों की घोषणा होते ही साहित्यिक समुदाय और उनके प्रशंसकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया और विभिन्न साहित्यिक मंचों पर देशभर से प्रो. कुंदन माली को बधाइयों का सिलसिला जारी है। उनकी इस उपलब्धि को हिंदी और राजस्थानी साहित्य के लिए प्रेरणादायक उपलब्धि माना जा रहा है।



