एमएलएसयू का 33वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न | 255 पीएचडी, 109 स्वर्ण पदक | राज्यपाल बागड़े

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर का 33वां दीक्षान्त समारोह गरिमामय रूप से सम्पन्न। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने 255 शोधार्थियों को पीएचडी और 109 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।

एमएलएसयू का 33वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न | 255 पीएचडी, 109 स्वर्ण पदक | राज्यपाल बागड़े

एमएलएसयू का 33वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

“शिक्षा से ही गरीबी का अंत संभव, विद्यार्थी सत्य और मानवता के मार्ग पर चलें” – राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े

उदयपुर, 21 दिसंबर।
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) का 33वां दीक्षान्त समारोह रविवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज सभागार में गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। समारोह में राजस्थान के माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागड़े ने विभिन्न संकायों के 255 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री एवं 109 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के नवनिर्मित ब्लॉक का लोकार्पण भी किया गया।

शिक्षा से ही समाज और पीढ़ी का भविष्य बदलता है – राज्यपाल 

दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि प्राचीन काल में गुरु और शिष्य के संबंध पारिवारिक होते थे, जिससे विद्यार्थी का सतत मूल्यांकन संभव होता था। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सत्य, धर्म और मानवता के मार्ग पर चलें तथा समाज के कल्याण के लिए कार्य करें।

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों की संख्या अभी भी कम है। परिवार में जब कोई एक सदस्य शिक्षित होकर रोजगार प्राप्त करता है, तो पूरी पीढ़ी का भविष्य संवर जाता है। गरीबी का स्थायी समाधान केवल शिक्षा के माध्यम से ही संभव है, इसके लिए समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा से जोड़ना आवश्यक है।

उन्होंने मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि शौर्य, मर्यादा और श्रेष्ठ संस्कारों की प्रतीक रही है। शिक्षा में संस्कारों और जीवन मूल्यों का समावेश आवश्यक है, तभी अच्छे नागरिकों का निर्माण होगा। विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में लाने के लिए सतत प्रयास किए जाने चाहिए।

यह केवल डिग्री वितरण नहीं, सामूहिक समर्पण का परिणाम है – गुलाबचंद कटारिया 

समारोह में पंजाब के माननीय राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया ने दीक्षान्त संबोधन में कहा कि यह अवसर केवल डिग्री वितरण का नहीं, बल्कि गुरु, अभिभावक और संस्थान के सामूहिक समर्पण का परिणाम है। गुरु की कृपा से ही व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता है और गुरु का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस दीक्षान्त समारोह में सबसे अधिक स्वर्ण पदक और पीएचडी बालिकाओं को प्राप्त हुई हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि समाज सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि जीवन मूल्यों का विकास भी उतना ही आवश्यक है। व्यक्ति कंपनियों के पैकेज से नहीं, बल्कि अपने चरित्र और मूल्यों से महान बनता है।

उन्होंने विकसित भारत मिशन 2047 के लिए युवाओं से ज्ञान का उपयोग राष्ट्र और समाज के हित में करने का आह्वान किया। 

उच्च शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध – डिप्टी सीएम बैरवा

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। नीतिगत निर्णयों के माध्यम से संसाधनों की कमी को दूर किया जा रहा है और शिक्षा में मात्रात्मक के साथ-साथ गुणात्मक सुधार सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में संस्कारों का विशेष महत्व है। शिक्षक अपने आचरण और ज्ञान से विद्यार्थियों के लिए आदर्श बनें, तभी शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य सिद्ध होगा।

अवसर खोजने वाले नहीं, अवसर सृजित करने वाले बनें – प्रो. मंजू बाघमार

सार्वजनिक निर्माण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री प्रो. मंजू बाघमार ने कहा कि दीक्षान्त समारोह केवल डिग्री प्राप्त करने का अवसर नहीं, बल्कि जीवनभर सीखते रहने की प्रेरणा है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे डिग्री को केवल नौकरी तक सीमित न रखें, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि शिक्षित और आत्मनिर्भर बेटियां विकसित भारत की मजबूत आधारशिला हैं। युवाओं को अवसर खोजने के बजाय अवसर सृजित करने वाला बनना होगा

विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश

इससे पूर्व कुलगुरु प्रो. बी.पी. सारस्वत ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों और प्रगति प्रतिवेदन की जानकारी दी।

समारोह में उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, वल्लभनगर विधायक श्री उदयलाल डांगी, गोगुंदा विधायक श्री प्रताप गमेती सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष, शैक्षणिक स्टाफ, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।