शिल्पग्राम उत्सव 2025 का भव्य आगाज, लोक कला को बताया जीवन का असली आलोक

उदयपुर में शिल्पग्राम उत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। राज्यपाल बागडे और राज्यपाल कटारिया ने लोक कला को जीवन का असली आलोक बताया। जानिए पूरे कार्यक्रम की झलक।

शिल्पग्राम उत्सव 2025 का भव्य आगाज, लोक कला को बताया जीवन का असली आलोक

शिल्पग्राम उत्सव 2025 का भव्य आगाज, लोक कला को बताया जीवन का असली आलोक

उदयपुर, 21 दिसंबर।
हवाला स्थित शिल्पग्राम में रविवार को दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि “लोक है तो आलोक है और लोक कला जीवन का असली आलोक है, क्योंकि इसमें कोई बनावट नहीं, केवल नैसर्गिकता होती है।” उन्होंने बच्चों को कला और संस्कृति से जोड़ने तथा उन्हें मंच देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि लोक परंपराओं का संरक्षण और संवर्धन हो सके।

उत्सव का उद्घाटन राज्यपाल बागडे और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया सहित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और नगाड़ा बजाकर किया गया। राज्यपाल बागडे ने बचपन में मिले प्रोत्साहन से महान शिल्पकार बनने का उदाहरण देते हुए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माता राम वी. सुतार का उल्लेख किया।

एक भारत–श्रेष्ठ भारत का जीवंत स्वरूप : कटारिया

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि शिल्पग्राम उत्सव एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना का जीवंत प्रतीक है। ऐसे सांस्कृतिक महोत्सव देश की विविध परंपराओं और लोक कलाओं को एक मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने लोक कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि इनकी प्रस्तुतियां संस्कृति के संरक्षण के प्रति दायित्व बोध कराती हैं। उन्होंने पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान और उनकी टीम की निरंतर सफल आयोजन के लिए सराहना की।

दोनों राज्यपालों ने किया एक-दूसरे का स्वागत

समारोह में राजस्थान के राज्यपाल बागडे ने पंजाब के राज्यपाल कटारिया का स्वागत किया, वहीं कटारिया ने उदयपुर का नागरिक होने के नाते राज्यपाल बागडे का अपने शहर में स्वागत कर आभार जताया।

ये रहे मौजूद

समारोह में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, आईजी गौरव श्रीवास्वत, जिला कलेक्टर नमित मेहता, एसपी योगेश गोयल, एडीएम सिटी जितेंद्र ओझा सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। 

दो कलाकारों को कोमल कोठारी लोक कला पुरस्कार

समारोह में डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार से दो वरिष्ठ लोक कलाकारों को सम्मानित किया गया।
राजकोट (गुजरात) के डॉ. निरंजन वल्लभभाई राज्यगुरु और जयपुर (राजस्थान) के रामनाथ चौधरी को यह सम्मान प्रदान किया गया। प्रत्येक पुरस्कार के अंतर्गत रजत पट्टिका और 2.51 लाख रुपये की राशि दी गई।
रामनाथ चौधरी नाक से अल्गोजा बजाने वाले विश्व के एकमात्र कलाकार हैं, जबकि डॉ. राज्यगुरु ने लोक और भक्ति संगीत पर 700 घंटे से अधिक का ध्वनि मुद्रांकन किया है।

लोक संस्कृतियों का महासंगम बना आकर्षण 

उद्घाटन समारोह में देशभर की लोक संस्कृतियों का शानदार संगम देखने को मिला। गोवा के देखनी व घोड़े मोदनी, मणिपुर का लैहारोबा, कश्मीर का रौफ, राजस्थान के लाल आंगी व चरी, कर्नाटक के पूजा कुनिता व ढालू कुनिता, महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटा, पंजाब का लुड्डी तथा गुजरात के तलवार रास और राठवा नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिल्ली के प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सुशील शर्मा के निर्देशन में तैयार इस कोरियोग्राफिक प्रस्तुति को खूब सराहना मिली।

कथक-लावणी फ्यूजन और लोक गीतों का मेडले छाया 

श्रद्धा सतवीडकर की मराठी लावणी और नितिन कुमार के कथक नृत्य की फोक-क्लासिकल सिंफनी ने शिल्पग्राम को तालियों से गूंजा दिया। वहीं, डॉ. प्रेम भंडारी के निर्देशन में प्रस्तुत राजस्थानी लोक गीतों के मेडले ने श्रोताओं के दिल जीत लिए। लोक गायन की मूल आत्मा को बनाए रखते हुए क्लासिकल टच देने वाली इस प्रस्तुति को संगीत प्रेमियों ने खूब सराहा।

शिल्पग्राम उत्सव 2025 आगामी दस दिनों तक देश की विविध लोक कलाओं, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत मंच बना रहेगा।