प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी, डॉ. रावत बोले – किसान छोटी राहत से भी करिश्मा कर सकता है
उदयपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त किसानों को जारी की गई। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि किसान छोटी राहत से भी बड़ा बदलाव ला सकता है। कार्यक्रम में 200 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती और योजनाओं की जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी, किसानों को मिली राहत
डॉ. रावत बोले – “किसान छोटी राहत से भी करिश्मा कर सकता है”
उदयपुर, 19 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु के कोयम्बटूर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरित की। इस किस्त के तहत देशभर के किसानों को 18 हजार करोड़ रुपये की राशि डिजिटल माध्यम से प्रदान की गई।
इस अवसर पर उदयपुर में विद्या भवन कृषि विज्ञान केंद्र, बड़गांव एवं कृषि विभाग उदयपुर द्वारा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वयं किसान परिवार से आते हैं और जानते हैं कि किसान छोटी-सी भी राहत से बड़ा परिवर्तन कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को अब तक की सभी किस्तें मिल चुकी हैं, तो उसे कुल 42 हजार रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है, जो बीज, खाद, सिंचाई या अन्य कृषि कार्यों में काफी सहायक सिद्ध होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बाजार में मिल रहे घटिया बीज और खाद की समस्या को रोकने के लिए सरकार सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से प्राकृतिक और जहरमुक्त खेती को बढ़ावा देने की अपील की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख डॉ. प्रफुल भटनागर ने किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सफल होती हैं जब किसान तकनीक और नई पद्धतियों को अपनाएं। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सुधीर वर्मा ने किसानों से रासायनिक खेती पर निर्भरता घटाने और प्राकृतिक विकल्प अपनाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर उपखंड अधिकारी गिर्वा सांई कृष्णा, परियोजना निदेशक आत्मा राजेश्वरी शेखावत, उप निदेशक कृषि विस्तार श्याम साल्वी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान 200 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती, सरकारी योजनाओं, नई कृषि तकनीकों और आधुनिक खेती पद्धतियों की जानकारी भी प्रदान की गई।



