राजस्थान ओबीसी आयोग का उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद, राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का आश्वासन

राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग ने उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद आयोजित कर ओबीसी समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने का भरोसा दिया। विभिन्न समाजों ने ज्ञापन सौंपे और टीएसपी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठाई।

राजस्थान ओबीसी आयोग का उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद, राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का आश्वासन

राजस्थान ओबीसी आयोग का उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद, राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का आश्वासन

उदयपुर, 21 नवम्बर।
राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग की ओर से शुक्रवार को उदयपुर जिला परिषद सभागार में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी ने की, जबकि आयोग के सदस्यगण, जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, तथा वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी भी मौजूद रहे।


संवैधानिक दायरे में ओबीसी को राजनीतिक अधिकार सुनिश्चित करने का संकल्प

आयोग अध्यक्ष श्री भाटी ने संबोधित करते हुए कहा कि ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकायों में उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व प्रदान करना आयोग की प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग संवैधानिक प्रावधानों के भीतर रहते हुए न्यायोचित सिफारिशें सरकार तक पहुँचाएगा

उन्होंने बताया कि राज्य में ओबीसी की सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति का अध्ययन कर नगरीय निकाय एवं पंचायतीराज संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण के फार्मूले पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर आगे कार्यवाही होगी। 


टीएसपी क्षेत्र में आरक्षण की समस्या उठी, प्रतिनिधियों ने सौंपे ज्ञापन

उदयपुर संभाग सहित बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और अन्य जिलों से आए समाज प्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी बातें रखीं।

मुख्य आग्रह रहे—

  • टीएसपी क्षेत्रों में ओबीसी को आरक्षण न मिलने पर चिंता

  • जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी आरक्षण की मांग

  • कई समाजों ने ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने के लिए ज्ञापन सौंपे

  • सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दर्ज कर समाधान की अपेक्षा

आयोग ने सभी सुझावों को गंभीरता से सुनते हुए उन्हें रिपोर्ट में शामिल करने का भरोसा दिया। 


आयोग ने सर्वे प्रपत्र जारी करने की घोषणा

श्री भाटी ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि
राज्य में ओबीसी के वास्तविक राजनीतिक प्रतिनिधित्व की स्थिति समझने के लिए सर्वे भी प्रस्तावित है, जिसके लिए प्रारूप जारी किया गया है।

उन्होंने सभी समाजों से सर्वे प्रपत्र को गंभीरता और सही ढंग से भरकर प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।


जनप्रतिनिधियों ने पहल का स्वागत किया

सांसद डॉ. रावत, सांसद श्री गरासिया और विधायक श्री डांगी ने आयोग की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि—

  • सभी वर्गों तक योजनाओं और प्रतिनिधित्व का लाभ पहुँचे, इसके लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।

  • सांसदों ने आश्वस्त किया कि संसद में भी संबंधित मुद्दों को उठाया जाएगा। 


कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर—
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीरमाराम,
नगर निगम उपायुक्त दिनेश मंडोवरा,
संयुक्त निदेशक सांख्यिकी पुनीत शर्मा,
संयुक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गिरीश भटनागर सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।


निष्कर्ष

उदयपुर में आयोजित यह जनसंवाद ओबीसी समाज की आवाज को राज्य और सरकार तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहाँ समाज ने अपने मुद्दे सीधे आयोग तक रखे और आयोग ने संवैधानिक ढांचे के अनुरूप कार्रवाई का आश्वासन दिया।