उदयपुर में आज गूंजेगी जनजातीय गौरव की गाथा | भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जिला स्तरीय कार्यक्रम
उदयपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव सप्ताह के तहत आज जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कला, संस्कृति, नृत्य, प्रदर्शनी और परिचर्चा के माध्यम से जनजातीय नायकों की गौरव गाथा को किया जाएगा याद।
झीलों की नगरी में आज गूंजेगी जनजातीय गौरव की गाथा
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर होगा जिला स्तरीय भव्य आयोजन
उदयपुर, 13 नवम्बर।
झीलों की नगरी उदयपुर आज जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के रंग में रंगने जा रही है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 1 से 15 नवम्बर तक चल रहे ‘जनजातीय गौरव सप्ताह’ के अंतर्गत आज 14 नवम्बर, शुक्रवार को जिला स्तरीय कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी नायकों की शौर्य गाथाओं, कला, संस्कृति, इतिहास और योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया है।
कार्यक्रमों के सुचारू संचालन और समन्वय के लिए संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी ने टीएडी उपायुक्त सुश्री निरमा बिश्नोई को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। शिक्षा, जनजातीय क्षेत्रीय विकास, सामाजिक न्याय, संस्कृति और युवा विभाग सहित अनेक संस्थान इस आयोजन में सहभागिता निभाएंगे।
दिनभर चलेंगे विविध आयोजन:
आज दिनभर शहर के विभिन्न स्थलों पर कला, संगीत, नृत्य, प्रदर्शनियों और चर्चाओं के माध्यम से जनजातीय गौरव का प्रदर्शन होगा।
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आदि चित्र:
सुबह 10 बजे टीआरआई परिसर में भारत की जनजातीय कला पर आधारित “आदि चित्र” का अनावरण किया जाएगा। -
जनजातीय नायकों पर प्रदर्शनी:
सुबह 10.30 बजे सूचना केंद्र, मोहता पार्क के पास टीएडी मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी और उदयपुर सांसद श्री मन्नालाल रावत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। -
सौंध माटी – आदि कलांगन:
शाम 4 से 5.30 बजे तक शिल्पग्राम ‘बंजारा’ में जनजातीय कलाकार गायन, वादन, नृत्य और नाटिका प्रस्तुत करेंगे। -
आदि धरोहर चित्रण:
सुबह 11.30 बजे सिटी पैलेस उदयपुर में जनजातीय कलाकारों द्वारा भित्ति चित्रण किया जाएगा। -
कठपुतली खेल:
सुबह 10.30 बजे लोककला मण्डल में वीर बालिका कालीबाई की जीवनी पर आधारित कठपुतली नाटक का मंचन होगा। -
आदि प्रसारण:
सुबह 9 से 10 बजे तक संचार सेतु, टीआरआई परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित वार्ता आयोजित की जाएगी। -
आदि भ्रमण:
दोपहर 2 से शाम 5.30 बजे तक 50 जनजातीय विद्यार्थियों को सोलर वैधशाला का भ्रमण कराया जाएगा, जहां उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और सूर्य की भौतिक प्रक्रियाओं से परिचित करवाया जाएगा। -
आदि हाट:
सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक गांधी ग्राउंड में ‘आदि हाट’ का आयोजन होगा, जिसमें जनजातीय उत्पाद, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुएं प्रदर्शित व विक्रय हेतु उपलब्ध रहेंगी। -
आदि चर्चा:
दोपहर 2.30 बजे आरएससीईआरटी सभागार में भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय नायकों के व्यक्तित्व पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। -
छंद-रंग कविता के संग:
टीआरआई परिसर में हिंदी व राजस्थानी साहित्यकारों के छंदों को जनजातीय कलाकार रंगीन चित्रण के माध्यम से जीवंत करेंगे।
संस्कृति और स्वाभिमान का संगम
यह आयोजन न केवल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का स्मरण है, बल्कि यह जनजातीय समाज की समृद्ध परंपराओं और उनकी अमूल्य धरोहर को सम्मान देने का भी एक सशक्त माध्यम है। जनजातीय गौरव सप्ताह के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़े रखने की एक सार्थक पहल की जा रही है।



