उदयपुर में एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ | महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही विकसित भारत का मार्ग: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा
उदयपुर में कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण उद्यमिता, और लखपति दीदी योजना की सफलता पर चर्चा हुई। देशभर से आए विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उपाय सुझाए।
एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ — महिला सशक्तिकरण से ही साकार होगा विकसित भारत का संकल्प: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा
उदयपुर, 11 नवम्बर।
राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप का शुभारंभ किया।
यह आयोजन राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद), ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान सरकार और ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में होटल ताज अरावली में प्रारंभ हुआ।
सम्मेलन में देशभर से आए विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं ने भाग लिया। आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कृषि एवं पशुधन उद्यमिता के माध्यम से नए अवसरों की खोज पर केंद्रित रहा।

महिला सशक्तिकरण से ही संभव है विकसित भारत का सपना — डॉ. मीणा
मुख्य अतिथि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प तभी पूरा होगा, जब महिलाएं आत्मनिर्भर और सक्षम बनेंगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजीविका और ग्रामीण विकास विभाग की बागडोर महिला अधिकारियों को सौंपकर सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई लखपति दीदी योजना को महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में ऐतिहासिक पहल बताते हुए डॉ. मीणा ने कहा कि यह कार्यक्रम अंत्योदय के मूल मंत्र पर आधारित है — यानी समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचाना।
राज्य में 4.25 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31 हजार ग्राम संगठनों और 1074 क्लस्टर लेवल फेडरेशनों के माध्यम से 50 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को जोड़ा गया है।
राजीविका के माध्यम से महिलाओं को 10,342 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक ऋण और 2,099 करोड़ रुपए की आजीविका सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है।
7037 महिला बैंकिंग प्रतिनिधि पहुंचा रहीं हैं गाँव-गाँव बैंकिंग सेवाएं
डॉ. मीणा ने बताया कि 7,037 महिला बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (BCs) ग्रामीण इलाकों में डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं — जिसमें खाते खोलना, जमा-निकासी और वित्तीय सलाह जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
राज्य के विभिन्न जिलों में 254 महिला संचालित कैंटीनें, 54 हजार महिला उद्यम, तथा 3366 उत्पादक समूहों के माध्यम से लगभग 1.89 लाख परिवारों को कृषि और पशुधन गतिविधियों से जोड़ा गया है।

“लखपति दीदी योजना” ने बदली लाखों परिवारों की किस्मत — सांसद डॉ. मन्नालाल रावत
विशिष्ट अतिथि उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि अंत्योदय का भाव — यानी समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान — लखपति दीदी कार्यक्रम की आत्मा है।
उन्होंने कहा कि इस योजना ने न केवल महिलाओं की आमदनी बढ़ाई, बल्कि हजारों परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाने में अहम भूमिका निभाई है।
पुस्तिका विमोचन, पोर्टल लॉन्च और एमओयू हस्ताक्षर
कार्यक्रम के दौरान मंत्री डॉ. मीणा और अन्य अतिथियों ने लखपति दीदी कार्यक्रम की सफलता कथाओं पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया।
साथ ही, महिलाओं की सुविधा के लिए राजीविका और इंडियन बैंक के बीच ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक नेहा गिरी और बैंक की ओर से एमडी शिवबजरंग सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
पहले दिन हुई थीमेटिक चर्चाएं और सांस्कृतिक संध्या
सम्मेलन के पहले दिन “पशुधन क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण” और “प्रोड्यूसर कलेक्टिव से बिजनेस कलेक्टिव तक ग्रामीण उद्यमों का विस्तार” विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
सत्रों के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
दूसरे दिन “आजीविका इकोसिस्टम को सशक्त बनाना”, “शी-लाइफ: महिला नेतृत्व वाली कृषि एवं पशुधन उद्यमिता” जैसे विषयों पर चर्चाएं होंगी।

उपस्थित रहे अधिकारी और गणमान्यजन
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा, संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा (भारत सरकार), मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री, इंडियन बैंक के एमडी शिवबजरंग सिंह, जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सुधीर वर्मा, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक ख्यालीलाल खटीक ने आयोजन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सारांश
यह राष्ट्रीय सम्मेलन ग्रामीण भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता, महिला उद्यमिता, और कृषि-पशुधन नवाचारों को एक साझा मंच पर लाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल साबित हो रहा है।
“लखपति दीदी” जैसी योजनाएँ न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं, बल्कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर ठोस कदम हैं।



