मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा: बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर डूंगरपुर में राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों की समीक्षा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उदयपुर में बैठक कर बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर डूंगरपुर में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस को जन-जन तक पहुंचाने और योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा: बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर डूंगरपुर में राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों की समीक्षा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बोले — भगवान बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी गौरव और संघर्ष की अमर गाथा है
जनजातीय गौरव दिवस पर डूंगरपुर में होगा राज्य स्तरीय समारोह, मुख्यमंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा

उदयपुर, 7 नवम्बर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्ष कर स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर (जनजातीय गौरव दिवस) केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह दिन आदिवासी समाज के गौरव, संघर्ष और आत्मसम्मान की अमर स्मृति है। 

मुख्यमंत्री शुक्रवार को उदयपुर के शोभागपुरा स्थित एक होटल में आयोजित बैठक में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में हो रहे आयोजनों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने डूंगरपुर में प्रस्तावित राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि इस आयोजन को जनभागीदारी के साथ भव्य और ऐतिहासिक रूप में आयोजित किया जाए।

"जनभागीदारी बने कार्यक्रम की पहचान" 

 

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम में विद्यालयों, महाविद्यालयों और सामाजिक संगठनों को जोड़ा जाए, ताकि नई पीढ़ी बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा ले सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजाति आवासीय विद्यालयों में मेस भत्ता बढ़ाने और मां-बाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि जैसे निर्णय सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जनजातीय समुदाय के हर व्यक्ति तक विकास और सम्मान दोनों पहुंचे।

मंत्री बोले — "बिरसा मुंडा जीवित रहते तो अंग्रेज पहले ही देश छोड़ देते" 

 

बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि अगर बिरसा मुंडा कुछ और समय जीवित रहते तो अंग्रेजों को बहुत पहले ही देश छोड़ना पड़ता। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में 170 से अधिक जनजातीय नायकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनकी गाथाएं नई पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है और इस वर्ष ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ के रूप में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।

"हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे सरकार की योजना"

राजस्व मंत्री श्री हेमंत मीणा ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने समाज से अपील की कि वे विकास के इस अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ें।

"बिरसा मुंडा जननायक ही नहीं, भगवान समान हैं"

सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि बिरसा मुंडा ऐसे जननायक हैं, जिन्हें आमजन ने भगवान का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान जिन नायकों को याद किया गया, उनमें भगवान बिरसा मुंडा का नाम अग्रणी है। उन्होंने जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़े के तहत प्रदेशभर में हो रहे आयोजनों की जानकारी साझा की और राज्य स्तरीय समारोह को सफल बनाने के लिए जनसहयोग का आह्वान किया।

बैठक में शामिल रहे जनप्रतिनिधि

बैठक में विधायक ताराचंद जैन, फूलसिंह मीणा, जिला प्रमुख ममता कुंवर सहित उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ आदि जिलों के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।