राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने पावापुरी जीव मैत्री धाम में अर्जुन पौधा लगाया, गोसेवा की और परिसर की प्रगति को सराहा
राजस्थान के पावापुरी जीव मैत्री धाम में राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने अर्जुन वृक्ष का रोपण किया, मंदिर में दर्शन किए और गोशाला में बछड़ों को दूध पिलाकर गोसेवा का आनंद लिया। उन्होंने के पी संघवी परिवार के 25 वर्षों के समर्पण की प्रशंसा की।
पावापुरी, राजस्थान।
राजस्थान के प्रमुख जैन तीर्थस्थल पावापुरी जीव मैत्री धाम में आज एक विशेष अवसर पर पंजाब के महामहिम राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया ने पहुंचकर आध्यात्मिकता और सेवा के अद्भुत संगम को साक्षात अनुभव किया।
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल द्वारा अर्जुन वृक्ष के पौधारोपण के साथ हुई, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक है बल्कि धाम की हरियाली और सादगीपूर्ण संस्कृति को भी दर्शाता है। इसके पश्चात उन्होंने श्रीजी मंदिर में दर्शन कर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।
सबसे भावुक क्षण तब आया जब कटारिया जी ने गौशाला में बछड़ों को बोतल से दूध पिलाया, उन्हें दुलार किया और गोसेवा का रसास्वादन किया। गौशाला स्टाफ ने गुलाब के फूलों से उनका पारंपरिक स्वागत किया, जिससे पूरे वातावरण में श्रद्धा और आत्मीयता का संचार हुआ।
राज्यपाल ने इस अवसर पर पावापुरी धाम की 25 वर्षों की यात्रा और प्रगति की जानकारी ली और कहा –
"यह के पी संघवी परिवार के प्रबल पुण्य और समर्पण का ही परिणाम है कि राजस्थान में ऐसा धाम बना है जिसकी सुगंध अब पूरे देश में फैल रही है।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज तक 88 लाख श्रद्धालु इस तीर्थ की यात्रा कर चुके हैं, जो इसकी लोकप्रियता और आध्यात्मिक प्रभाव को दर्शाता है।
राज्यपाल कटारिया ने यह जानकारी भी साझा की कि इस गौशाला की नींव उनके कर कमलों से 1998 में रखी गई थी, और आज यह एक अद्भुत संस्थान बन चुकी है। उन्होंने संघवी परिवार के विजन, संरक्षण कार्य और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि धाम की हरियाली और रखरखाव अनुकरणीय है।
इस गरिमामयी अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें जालोर-सिरोही सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी, जिला कलेक्टर सुश्री अल्पा चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल बेनीवाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु शामिल थे।