उदयपुर में जिला स्तरीय पर्यावरण कॉन्क्लेव | राज्य सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश

राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर उदयपुर में जिला स्तरीय पर्यावरण कॉन्क्लेव आयोजित हुआ। विद्यालयों, उद्योगों और संस्थाओं की सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण रोकथाम और ई-वेस्ट प्रबंधन पर जागरूकता फैलाई गई।

उदयपुर में जिला स्तरीय पर्यावरण कॉन्क्लेव | राज्य सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश

राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर जिला स्तरीय पर्यावरण कॉन्क्लेव आयोजित

विद्यालयों, उद्योगों व संस्थाओं की सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश

उदयपुर, 18 दिसंबर।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत तथा राष्ट्रीय पहल “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट 2025” के तहत गुरुवार को सूचना केन्द्र, उदयपुर में जिला स्तरीय पर्यावरण कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन, विशेष रूप से विद्यार्थियों और औद्योगिक इकाइयों को पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं सतत विकास के प्रति जागरूक करना रहा। 

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरएसपीसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव का शुभारंभ उप वन संरक्षक श्री मुकेश सैनी ने किया। कार्यक्रम में निजी व सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ-साथ औद्योगिक, मेडिकल एवं हेल्थ सेक्टर की प्रमुख इकाइयों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।

आरएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी श्री शरद सक्सेना ने बताया कि कॉन्क्लेव के दौरान माउंट लिटेरा जी स्कूल, सेंट एंथनी स्कूल, एमएमपीएस स्कूल, स्टेप बाय स्टेप स्कूल तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस विद्यालय (लियो का गुड़ा) सहित अनेक विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान आधारित मॉडल प्रदर्शित किए गए। इन मॉडलों के माध्यम से वर्तमान पर्यावरणीय समस्याओं, वायु व जल प्रदूषण तथा उनके संभावित समाधानों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। 

औद्योगिक सहभागिता के अंतर्गत मैसर्स री-सस्टेनेबिलिटी (रामकी), एन-विजन एनवायरो इंजीनियर्स प्रा. लि., हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (वेदांता), रिलायंस केमोटैक्स लि., उदयपुर सीमेंट वर्क्स लि., वीएनबीसी एनवायरमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. सहित अन्य इकाइयों द्वारा अपशिष्ट उपचार संयंत्र, मलजल उपचार संयंत्र, सी एंड डी वेस्ट प्रबंधन, बायोमेडिकल एवं हेजार्डस वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई।

कार्यक्रम के दौरान वैदिक परंपरा के अनुरूप हवन का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉ. ज्योति तोमर ने हवन के माध्यम से वायु प्रदूषण पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों की जानकारी देते हुए पर्यावरण संरक्षण के पारंपरिक उपायों पर प्रकाश डाला।

स्वास्थ्य जांच, ई-वेस्ट संग्रहण और पर्यावरण मित्र पहलें

कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों के तहत पैसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उमरड़ा द्वारा स्पायरोमीटर से फेफड़ों की निःशुल्क जांच तथा पैसिफिक डेंटल कॉलेज द्वारा निःशुल्क दंत उपचार प्रदान किया गया। राहड़ा फाउंडेशन द्वारा ईको-फ्रेंडली उत्पादों, परिधानों और जूट बैग की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। वहीं फिनीलूप द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश श्री कुलदीप शर्मा ने विभिन्न इकाइयों से एकत्रित लगभग 1.5 टन ई-वेस्ट के संग्रहण के लिए करीब 50 हजार रुपये के चेक वितरित किए तथा उपस्थितजनों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से अवगत कराया। 

कार्यक्रम के दौरान लगभग 2 हजार कपड़े के थैलों एवं पौधों का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त शहर के 10 सहकारी उपभोक्ता भंडारों में भी करीब 3 हजार निःशुल्क कपड़े के बैग वितरित किए गए।

इसी क्रम में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा मेवाड़ औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नाले से मैसर्स री-सस्टेनेबिलिटी (रामकी) के सहयोग से 4.13 टन हेजार्डस वेस्ट का उठाव कर उसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कराया गया। साथ ही मैसर्स इजी फ्लक्स द्वारा कम्पोस्टेबल प्लास्टिक थैलियों का वितरण भी किया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पर्यावरण प्रेमी, उद्योग प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। कॉन्क्लेव के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को जन-आंदोलन बनाने का संदेश प्रभावी रूप से दिया गया।