वल्लभनगर: माँ शीतला मंदिर में भक्तों ने चढ़ाई 4.25 किलो चांदी, ₹2.6 लाख की दानराशि; श्रृंगार पुनः आरंभ
वल्लभनगर के ऊँठाला गाँव स्थित श्री शीतला माता मंदिर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद भक्तों ने मां के दिव्य श्रृंगार हेतु 4.25 किलो चांदी और ₹2.6 लाख की दानराशि अर्पित की। जानें पूरी खबर।
वल्लभनगर, ऊँठाला:
1 जुलाई 2025 की काली रात ऊँठाला ग्राम स्थित श्री शीतला माता मंदिर में एक अत्यंत दुखद और हृदयविदारक घटना घटी, जिसने समस्त भक्तों की आस्था को झकझोर कर रख दिया। जिस माँ को प्रतिदिन श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा के साथ पूजा जाता है, उसी माँ को श्रृंगार विहीन देख भक्तों की आंखें नम हो गईं।
इस पीड़ा को भुलाकर, माँ के पुनः दिव्य श्रृंगार हेतु सैकड़ों भक्तों ने एकजुट होकर भव्य श्रृंगार दान अभियान की शुरुआत की। इसी भावना से प्रेरित होकर श्रद्धालुओं के साथ एक भक्त ने माँ शीतला व बोदरी माता को सवा चार किलो (4.25 किलोग्राम) चाँदी समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रृंगार झोली कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों से भी माँ के श्रृंगार में भागीदारी का आव्हान किया गया, जिस पर सभी भक्तों और भामाशाहों ने खुलकर समर्पण किया।
दानदाताओं में प्रमुख रूप से—
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बसंती जी मोची (भुवाजी) – ₹21,000 की चाँदी
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नगर सेठ मीठालाल जी खेरोदिया – 1 किलो चाँदी
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ललित जी मादरेचा – 1.25 किलो चाँदी
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पुष्कर जी सोनी – 1 किलो चाँदी
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घनश्याम जी पुजारी – 1 किलो चाँदी
सहित कई अन्य भक्तों ने ₹21,000, ₹11,000, ₹5,100 जैसी विविध दानराशियाँ समर्पित कीं।
इस अभियान में अब तक कुल 4.25 किलो चाँदी व ₹2,60,000 की राशि प्राप्त हुई है। इस झोली को पूरे वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक भक्त के घर तक ले जाया जाएगा, ताकि प्रत्येक श्रद्धालु माँ के श्रृंगार में अपनी सहभागिता निभा सके।
यह श्रृंगार न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एकता, भक्ति और संस्कारों का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। माँ शीतला का यह पुनः दिव्य श्रृंगार समस्त भक्तों के लिए एक अनुपम प्रेरणा बना रहेगा।