उदयपुर में साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु तीन दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ

उदयपुर रेंज पुलिस और यूनिसेफ राजस्थान के सहयोग से साइबर अपराध रोकथाम पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू। सोशल मीडिया से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण हेतु पुलिस कर्मियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

उदयपुर में साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु तीन दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ

साइबर अपराधों की रोकथाम व जागरूकता पर रेंज स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ
सोशल मीडिया से हो रहे साइबर अपराधों पर नियंत्रण के तकनीकी पहलुओं की दी गई जानकारी

उदयपुर, 6 नवंबर।
पुलिस महानिरीक्षक श्री गौरव श्रीवास्तव के निर्देशन में उदयपुर रेंज पुलिस द्वारा यूनिसेफ राजस्थान के सहयोग से “पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन” कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय रेंज स्तरीय साइबर अपराध रोकथाम एवं जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को पेसिफिक विश्वविद्यालय के पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी सभागार में हुआ।

कार्यशाला का आयोजन एएसपी हर्ष रत्नू के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें जयपुर से आए साइबर विशेषज्ञों ने पुलिस कर्मियों को साइबर अपराधों से निपटने के आधुनिक तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया, वेबसाइट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

साइबर एक्सपर्ट अक्षय उपाध्याय ने इंटरनेट पर फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए होने वाले साइबर फ्रॉड के प्रकारों और उनकी पहचान के तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने PPT प्रस्तुति के माध्यम से साइबर जांच के दौरान पुलिस द्वारा अपनाई जाने वाली तकनीकी प्रक्रियाओं और सावधानियों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा — “जब अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर अपराध कर रहा है, तो हमें भी तकनीक का सही उपयोग करते हुए स्मार्ट पुलिसिंग का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।”

कार्यक्रम की शुरुआत में यूनिसेफ राजस्थान की संभाग स्तरीय बाल संरक्षण सलाहकार सिंधु बिनुजीत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की आवश्यकता, उद्देश्य और पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। 

कार्यशाला के आयोजन में पाहेर यूनिवर्सिटी के फेकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी के चेयरमैन प्रो. दिलेंद्र हिरण तथा पेसिफिक लॉ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. पुष्पा मेहडू का विशेष सहयोग रहा।

इस अवसर पर रेंज के सभी जिलों के साइबर थानों एवं साइबर सेल से चयनित प्रतिभागियों के साथ-साथ दिलीप सालवी, सुनील व्यास, डॉ. राजकुमार चौधरी, राजेश कुमावत सहित लगभग 45 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस कर्मियों को साइबर अपराधों की नई चुनौतियों के प्रति तकनीकी रूप से सक्षम बनाना और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण हेतु उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है।