उदयपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने धरोहर संस्थान में पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का अवलोकन किया
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उदयपुर के धरोहर संस्थान का दौरा कर पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। उन्होंने AI और OCR तकनीकों के उपयोग से संग्रह कार्य की लाइव प्रक्रिया देखी और प्रोजेक्ट की सराहना की।

उदयपुर समाचार: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने धरोहर संस्थान में पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का अवलोकन किया
उदयपुर, 15 अक्टूबर, 2025 – केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपनी उदयपुर यात्रा के दौरान शहर के प्रमुख धरोहर संस्थान का दौरा किया और वहां चल रहे पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। यह प्रोजेक्ट भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और डिजिटलकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
धरोहर संस्थान में मंत्री शेखावत ने संग्रह प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे पांडुलिपियों के स्कैनिंग वर्क को लाइव देखा। इस दौरान उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) तकनीक के उपयोग से पांडुलिपियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गई।
संस्थान के ऑपरेशनल हेड अंकित अग्रवाल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 25 लाख पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। इन पांडुलिपियों को देश की विभिन्न लाइब्रेरीज़ से इकट्ठा किया जा रहा है और उन्हें एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखा जाएगा। अग्रवाल ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट में उच्च गुणवत्ता वाले स्कैनिंग और डिजिटल आर्काइविंग के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मंत्री शेखावत ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल भारतीय ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए डिजिटल एक्सेस को भी आसान बनाएगा। उन्होंने प्रोजेक्ट टीम के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी तकनीकी पहल से भारत की ज्ञान संपदा विश्व स्तर पर पहचानी जा सकेगी।
एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्ञान भारतम् सम्मेलन के दौरान उदयपुर के धरोहर संस्थान के कार्यों का उल्लेख करते हुए उनकी सराहना की थी। धरोहर संस्थान, जो सिक्योर मीटर्स मल्टीनेशनल कंपनी की एससीआर संस्था द्वारा संचालित है, भारतीय संस्कृति और साहित्यिक धरोहर के डिजिटाइजेशन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर मंत्री शेखावत ने कर्मचारियों और टीम सदस्यों के साथ संवाद करते हुए कहा कि इस तरह के प्रोजेक्ट्स से नई पीढ़ी के लिए शिक्षा और अनुसंधान में अभूतपूर्व अवसर पैदा होंगे। उन्होंने धरोहर संस्थान को भविष्य में और उन्नत तकनीकी संसाधनों के साथ और बड़े पैमाने पर पांडुलिपियों के संरक्षण एवं डिजिटाइजेशन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।