महाराणा भोपाल चिकित्सालय में अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल, अस्पताल कर्मचारियों को मिला आपातकालीन प्रशिक्षण | Udaipur News

उदयपुर के महाराणा भोपाल चिकित्सालय में जिला प्रशासन, फायर एंड रेस्क्यू विभाग और अस्पताल प्रशासन के संयुक्त प्रयास से अग्निशमन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान ICU और इमरजेंसी विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को आग बुझाने, सुरक्षा उपकरणों के उपयोग और आपातकालीन निकासी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।

महाराणा भोपाल चिकित्सालय में अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल, अस्पताल कर्मचारियों को मिला आपातकालीन प्रशिक्षण | Udaipur News

महाराणा भोपाल चिकित्सालय में अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल — अस्पताल स्टाफ को सिखाया गया आपातकालीन स्थिति में त्वरित बचाव और सुरक्षा के तरीके

उदयपुर, 15 अक्टूबर 2025।
अग्नि सुरक्षा जागरूकता और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में बुधवार को महाराणा भोपाल चिकित्सालय, उदयपुर में एक व्यापक अग्निशमन मॉक ड्रिल एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन अधीक्षक महाराणा भोपाल चिकित्सालय और फायर एंड रेस्क्यू डिपार्टमेंट के संयुक्त प्रयास से किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन जिला कलेक्टर एवं प्रशासक श्री निमित मेहता (IAS) तथा आयुक्त श्री अभिषेक खन्ना (IAS) के निर्देशानुसार किया गया। इस अभ्यास को मुख्य अग्निशमन अधिकारी श्री बाबूलाल चौधरी के मार्गदर्शन में और सहायक अग्निशमन अधिकारी श्री नवदीप सिंह बग्गा के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा संपन्न किया गया।


???? ICU और इमरजेंसी विभाग में हुआ व्यावहारिक प्रदर्शन

मॉक ड्रिल का मुख्य केंद्र ICU और इमरजेंसी विभाग रहा, जहां अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और तकनीकी कर्मचारियों ने फायर टीम के साथ मिलकर आग बुझाने के उपकरणों का उपयोग सीखा।
अभ्यास के दौरान टीम ने आग की काल्पनिक स्थिति उत्पन्न कर अलार्म सिस्टम, प्राथमिक बचाव, मरीजों की निकासी, और संचार समन्वय की प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया।

फायर कर्मियों ने बताया कि आग लगने के पहले कुछ सेकंड अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान यदि कर्मचारी सही उपकरण और सही तकनीक का उपयोग करें तो किसी बड़े हादसे को टाला जा सकता है।


???? सुरक्षा, समन्वय और तत्परता पर दिया गया विशेष जोर

सहायक अग्निशमन अधिकारी श्री नवदीप सिंह बग्गा ने बताया कि —

“अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। इसलिए हर कर्मचारी को यह पता होना चाहिए कि आग लगने पर कौन-सा मार्ग उपयोग में लिया जाए, कौन-से उपकरण पास में हैं और किसे सूचना देनी है। ऐसे मॉक ड्रिल प्रशिक्षण से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि टीमवर्क और त्वरित निर्णय क्षमता भी मजबूत होती है।”

मॉक ड्रिल के दौरान कर्मचारियों को निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया:

  • ???? फायर एक्सटिंग्विशर और हाइड्रेंट सिस्टम का उपयोग

  • ???? आपातकालीन निकासी मार्गों की पहचान और अनुशासनपूर्ण निकासी प्रक्रिया

  • ???? धुआं और गैस रिसाव की स्थिति में तत्काल बचाव उपाय

  • ???? रियल-टाइम कम्युनिकेशन और टीम समन्वय के तरीके

  • ???? घटनास्थल पर प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) का अभ्यास




???? फायर ब्रिगेड टीम का अनुभव साझा

फायर एंड रेस्क्यू विभाग की टीम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि अस्पताल जैसी संवेदनशील जगहों पर फायर अलार्म सिस्टम, बिजली के तारों की नियमित जांच, और अग्निशमन उपकरणों का मेंटेनेंस अत्यंत आवश्यक है।
टीम ने अस्पताल प्रशासन को सलाह दी कि हर तीन महीने में एक आंतरिक सेफ्टी ऑडिट और मॉक ड्रिल आयोजित की जाए ताकि आपातकालीन तैयारी हमेशा प्रभावी बनी रहे।


???? जिला प्रशासन की सराहनीय पहल

जिला प्रशासन और फायर एंड रेस्क्यू विभाग की यह पहल न केवल कर्मचारियों की जागरूकता बढ़ाने में मददगार रही, बल्कि मरीजों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को भी दर्शाती है।
अस्पताल प्रशासन ने भी इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह के प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, जिससे हर कर्मचारी किसी भी संकट की स्थिति में आत्मविश्वास से कार्य कर सके।




???? भविष्य में सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में नियमित ड्रिल

सहायक अग्निशमन अधिकारी श्री नवदीप सिंह बग्गा ने कहा कि —

“यह पहल केवल एक ड्रिल नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है। हमारा उद्देश्य है कि उदयपुर जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में समय-समय पर ऐसी मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएं ताकि हर संस्था आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सके।”


???? निष्कर्ष

महाराणा भोपाल चिकित्सालय में आयोजित इस मॉक ड्रिल ने यह संदेश दिया कि सुरक्षा किसी भी संस्था की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रशासन और फायर विभाग का यह प्रयास न केवल अस्पताल की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।