राज्यसभा में एलपीजी की वहनीयता का मुद्दा उठा सांसद चुन्नीलाल गरासिया | पीएम उज्ज्वला योजना

राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने एलपीजी सिलेंडर की वहनीयता का मुद्दा उठाया। सरकार ने बताया कि पीएम उज्ज्वला योजना के तहत 553 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है, जो पड़ोसी देशों से सस्ता है।

राज्यसभा में एलपीजी की वहनीयता का मुद्दा उठा सांसद चुन्नीलाल गरासिया | पीएम उज्ज्वला योजना

सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने राज्यसभा में उठाया एलपीजी की वहनीयता का मुद्दा

सरकार बोली— पीएम उज्ज्वला लाभार्थियों को 553 रुपये में मिल रहा सिलेंडर, पड़ोसी देशों से सस्ता भारत

उदयपुर | 15 दिसम्बर

राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने सोमवार को उच्च सदन में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की वहनीयता को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने राज्यसभा में तारांकित प्रश्न संख्या 159 के माध्यम से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) सहित घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों, अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना, आयात रणनीति तथा तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर विस्तृत जानकारी मांगी।

अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ीं, घरेलू दाम घटे

प्रश्न के उत्तर में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत अपनी कुल एलपीजी आवश्यकता का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है, जिससे घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि जहां जुलाई 2023 से नवंबर 2025 के बीच सऊदी सीपी (अंतरराष्ट्रीय एलपीजी बेंचमार्क) में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं इसी अवधि में भारत में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में करीब 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

उज्ज्वला उपभोक्ताओं को सीधी राहत

मंत्री ने बताया कि पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए सरकार ने लक्षित राजसहायता के तहत कई कदम उठाए हैं। मई 2022 में 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी शुरू की गई, जिसे अक्टूबर 2023 में बढ़ाकर 300 रुपये प्रति सिलेंडर कर दिया गया।
वित्त वर्ष 2025-26 में उज्ज्वला लाभार्थियों को 9 रिफिल तक 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सहायता दी जा रही है।

553 रुपये में मिल रहा सिलेंडर

दिल्ली में घरेलू एलपीजी सिलेंडर का खुदरा मूल्य 853 रुपये है, लेकिन पीएमयूवाई लाभार्थियों को सब्सिडी के बाद यह सिलेंडर प्रभावी रूप से 553 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि इससे उज्ज्वला उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी की प्रभावी कीमत में लगभग 39 प्रतिशत की कमी आई है।

खपत में हुआ इजाफा

सरकारी प्रयासों का असर उपभोक्ताओं की खपत में भी दिखाई दिया है। पीएमयूवाई लाभार्थियों की औसत वार्षिक खपत वित्त वर्ष 2021-22 में 3.68 रिफिल से बढ़कर 2024-25 में 4.47 रिफिल तक पहुंच गई है, जो एलपीजी के निरंतर उपयोग को दर्शाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क का विस्तार

ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में एलपीजी की पहुंच बढ़ाने के लिए 2016 से अक्टूबर 2025 तक देशभर में 8,017 नई डिस्ट्रीब्यूटरशिप शुरू की गईं, जिनमें से 93 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। वर्तमान में देश में 25,587 एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप कार्यरत हैं, जिन्हें 214 एलपीजी बॉटलिंग प्लांट्स से आपूर्ति मिलती है।

पड़ोसी देशों से सस्ता भारत

सरकार ने बताया कि 1 नवंबर 2025 तक घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत भारत में पड़ोसी देशों की तुलना में काफी कम है।
दिल्ली में उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए प्रभावी कीमत 553 रुपये है, जबकि पाकिस्तान (लाहौर) में 902 रुपये, श्रीलंका (कोलंबो) में 1,227 रुपये और नेपाल (काठमांडू) में 1,205 रुपये है।

आयात में विविधीकरण, ऊर्जा सुरक्षा पर जोर

आपूर्ति सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत एलपीजी आयात स्रोतों में विविधता ला रहा है। इसी रणनीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 2026 के लिए अमेरिका से लगभग 2.2 मिलियन मीट्रिक टन एलपीजी आयात के अनुबंध किए हैं, जो कुल आयात आवश्यकता का करीब 10 प्रतिशत है।

ओएमसी को नुकसान, सरकार ने दी भरपाई

मंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी के बावजूद उपभोक्ताओं पर पूरा बोझ नहीं डाला गया, जिससे तेल विपणन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 22,000 करोड़ रुपये तथा हाल ही में 30,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे को मंजूरी दी है।

सरकार का स्पष्ट संदेश

सरकार ने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव के बावजूद घरेलू एलपीजी की निरंतर आपूर्ति, वहनीय कीमत और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी प्राथमिकता है।