उदयपुर में ई-सत्यापन योजना पर आउटरीच कार्यक्रम आयोजित | आयकर विभाग ने बैंक अधिकारियों को दी जानकारी

आयकर विभाग, उदयपुर द्वारा ई-सत्यापन योजना 2021, SFT फाइलिंग और अपडेटेड आयकर विवरणी को लेकर आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। बैंक अधिकारियों को कर अनुपालन, ई-सत्यापन और वित्तीय लेनदेन रिपोर्टिंग की विस्तृत जानकारी दी गई।

उदयपुर में ई-सत्यापन योजना पर आउटरीच कार्यक्रम आयोजित | आयकर विभाग ने बैंक अधिकारियों को दी जानकारी

ई-सत्यापन योजना पर आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन, बैंक अधिकारियों को दी गई अहम जानकारी

उदयपुर, 16 अक्टूबर।
आयकर निदेशक (आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण) [I & CI], राजस्थान के निर्देशन में आयकर विभाग द्वारा ई-सत्यापन योजना 2021, एस.एफ.टी. फाइलिंग तथा अपडेटेड आयकर विवरणी की जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 



यह कार्यक्रम गुरुवार अपराह्न 4 बजे उदयपुर में दी उदयपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रतापनगर स्थित प्रधान कार्यालय में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व सहायक आयकर निदेशक एल. एन. मीना एवं आयकर अधिकारी (I & CI) अनिल भम्मानी ने किया।

कार्यक्रम में आयकर विभाग की उदयपुर इकाई के अधिकारियों ने बैंक के विभिन्न शाखा अधिकारियों को ई-सत्यापन योजना 2021, SFT (Statement of Financial Transactions) फाइलिंग, तथा अपडेटेड आयकर विवरणी दाखिल करने की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ई-सत्यापन योजना का उद्देश्य करदाताओं द्वारा घोषित की गई आय और बैंकिंग/वित्तीय लेनदेन के बीच पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करना है।

आयकर अधिकारियों ने उपस्थित बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने बैंकिंग नेटवर्क में करदाताओं से संबंधित वित्तीय लेनदेन की SFT फाइलिंग को सही व निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, ताकि कर प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहे और अनुपालन में सुधार हो सके।

इस अवसर पर दी उदयपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की प्रबंध निदेशक मेहजबीन बानो, मुख्य प्रबंधक के. एल. शर्मा, राजीव कुमार, आयकर निरीक्षक वीर सिंह, निखिल मेहता, तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज जैन उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ऐसे जागरूकता अभियान न केवल कर अनुपालन को मजबूत करते हैं, बल्कि बैंकिंग संस्थानों और आयकर विभाग के बीच सूचना साझेदारी को भी सशक्त बनाते हैं, जिससे करदाताओं की सुविधा में भी वृद्धि होती है।