किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए उदयपुर में अंतर-विभागीय कार्यशाला आयोजित | शिक्षा विभाग और यूएनएफपीए की संयुक्त पहल
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से उदयपुर में किशोरियों के सशक्तिकरण पर केंद्रित अंतर-विभागीय कार्यशाला आयोजित की गई। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला व बाल अधिकारिता विभाग के 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए उदयपुर में अंतर-विभागीय कार्यशाला आयोजित
यूएनएफपीए और शिक्षा विभाग की संयुक्त पहल से किशोरी-हितैषी सेवाओं पर मंथन
उदयपुर, 12 नवम्बर। किशोरियों के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के उद्देश्य से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से एक अंतर-विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत विभिन्न सरकारी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था।
इस कार्यशाला में उदयपुर, सलूंबर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिलों से आए शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला अधिकारिता तथा बाल अधिकारिता विभागों के करीब 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने किशोरियों की सामाजिक और भावनात्मक चुनौतियों पर चर्चा करते हुए यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (KGBV) की छात्राओं को आवश्यक किशोरी-हितैषी सेवाओं और सुविधाओं तक सरल पहुँच मिले।
यह पहल शिक्षा विभाग और यूएनएफपीए के बीच एक सशक्त साझेदारी को दर्शाती है, जो किशोरियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक बहु-क्षेत्रीय सहयोगात्मक ढाँचा स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाएँ न केवल विभागों के बीच तालमेल को मजबूत करती हैं, बल्कि किशोरियों के लिए नीतिगत और क्रियान्वयन स्तर पर प्रभावी योजनाएँ बनाने में भी मददगार साबित होती हैं।

यह प्रयास राज्य में चल रही ‘किशोरी सशक्तिकरण मिशन’ जैसी पहलों को और मजबूती प्रदान करेगा तथा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में किशोरियों के विकास के लिए एक सशक्त मंच उपलब्ध कराएगा।



