अधिवक्ता गिरिराज जोशी हत्याकांड में सजा का ऐलान, दोषी 8 में से 6 आरोपियों को उम्र कैद, दो अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट

अधिवक्ता गिरिराज जोशी हत्याकांड में सजा का ऐलान, दोषी 8 में से 6 आरोपियों को उम्र कैद, दो अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट

चित्तौड़गढ़

अधिवक्ता गिरिराज जोशी हत्याकांड में सजा का ऐलान, दोषी 8 में से 6 आरोपियों को उम्र कैद, दो अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट

प्रतापगढ़ के बहुचर्चित गिरिराज जोशी हत्याकांड में चित्तौड़गढ़ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 1 अक्टूबर को 8 आरोपियों दोषी करार दिया थाl इसके 11 दिन बाद न्यायालय ने आज सजा का ऐलान भी कर दिया। मौके पर छह आरोपी मौजूद थे जिन्हें उम्र कैद सुनाई गई वही दो अन्य की जमानत रद्द करते हुए न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। इस मामले में न्यायालय ने चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक को दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश करने के भी आदेश दिए गए। उन्हें बाद में सजा सुनाई जाएगी।6 जनवरी 2007 की शाम अधिवक्ता जोशी को बाइक सवार अज्ञात व्यक्ति ने उनके ऑफिस में ही गोली मार दी। इसके बाद बाइक सवार अपने एक अन्य साथी के साथ वहां से फरार हो गया जबकि जोशी मौके पर ही ढेर हो गए। कोतवाली थानाधिकारी कन्हैया लाल गुर्जर मौके पर पहुंचे और अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा इस बहुचर्चित प्रकरण में 10 लोगों के खिलाफ अलग-अलग चार आरोप पत्र कोर्ट में पेश किए गए। बाद में यह मामला हाई कोर्ट के निर्देश पर ट्रायल के लिए चित्तौड़गढ़ जिला सत्र न्यायालय ट्रांसफर कर दिया गया। 

सभी धाराओं में आजीवन कारावास

लगभग 14 साल तक सुनवाई के बाद 1 अक्टूबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश केशव कौशिक द्वारा नौगांवा निवासी वसीम खां पुत्र नियमत खान पठान, चुन्नू उर्फ इमरान खान पुत्र डेरान खान पठान , मुस्तफा पुत्र महमूद खान , प्रतापगढ़ के साकिर पुत्र सफी मोहम्मद बोहरा, गुलाम अब्बास पुत्र फिदा अली बोहरा, अखेपुर निवासी रोशम पुत्र अमीन खान तथा नौगांवा निवासी बबलू उर्फ शराफत उल्लाह पुत्र डेरान खान तथा प्रेम मोहन पुत्र चिमन कुमार सोमानी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120 बी, 460 के अंतर्गत दोषी माना जबकि दो अन्य आरोपी मंदसौर निवासी भाऊदिन उर्फ बाऊदिन पुत्र अब्दुल शकूर और अखेपुर निवासी अमीन खान पुत्र जानस खान पठान की ट्रायल के दौरान मौत होने पर उनका प्रकरण खत्म कर दिया गया। इसके साथ ही  सजा सुनाने के लिए 12 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की गई। लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा के अनुसार वसीम और साकिर अनुपस्थित थे। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से दोनों को ही बाद में सजा सुनाने का आदेश दिया गया। जबकि नौगांवा निवासी चुन्नू उर्फ इमरान खान पुत्र डेरान खान पठान , मुस्तफा पुत्र महमूद खान , प्रतापगढ़ के गुलाम अब्बास पुत्र फिदा अली बोहरा, अखेपुर निवासी रोशम पुत्र अमीन खान तथा नौगांवा निवासी बबलू उर्फ शराफत उल्लाह पुत्र डेरान खान तथा प्रेम मोहन पुत्र चिमन कुमार सोमानी को धारा 302, 120 बी, 460 के अंतर्गत उम्र कैद और 20000- 20000 का अर्थदंड सुनाया गया वहीं इमरान और रोशम को आर्म्स एक्ट धारा 3/25 के तहत भी 5 साल का कारावास और ₹10000 का जुर्माना सुनाया गया ।

जमीन विवाद में गई थी जान 

 लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि ईदगाह के पास अपनी खरीदारी की 10 बीघा जमीन के लिए साकिर बोहरा ने अधिवक्ता जोशी को पावर ऑफ अटॉर्नी दे रखी थी। अंजुमन कमेटी दरगाह से सटी उक्त कृषि भूमि खरीदना चाहती थी इसके लिए दोनों ही पक्षों के बीच समझौता बैठक भी चली लेकिन कोई भी समझौता सफल नहीं हो पाया। अंतिम बार  इस जमीन को लेकर 2500000 रुपए और एक बीघा जमीन समझौता हुआ। इसके बाद शाकिर, गिरिराज एवं बबलू, रोशम शहीदों के बीच इस जमीन की 60:40 प्रतिशत की भागीदारी तय हुई लेकिन यह भी परवान नहीं चढ़ पाई। अंततः मुलजिमों ने समझौते में अधिवक्ता गिरिराज को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।

Report By- Ratnesh Damami