चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025 | आयुर्वेद, संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों का संगम

चित्तौड़गढ़ में 30 अक्टूबर से 4 नवंबर तक होगा राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025 — आयुर्वेद, स्वदेशी उत्पादों, लोक संस्कृति और आत्मनिर्भर भारत का महोत्सव।

चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025 | आयुर्वेद, संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों का संगम

चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025: स्वदेशी उत्पादों, आयुर्वेद और संस्कृति का भव्य संगम

चित्तौड़गढ़, दीपक सोनी
राजस्थान की वीरभूमि चित्तौड़गढ़ में इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है — राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025
यह आयोजन 30 अक्टूबर से 4 नवंबर 2025 तक शहीद मेजर नटवर सिंह शक्तावत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान, चित्तौड़गढ़ में आयोजित होगा।

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है — भारतीय स्वदेशी उत्पादों, पारंपरिक कलाओं, आयुर्वेद और लोक संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाना, तथा स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करना।

महोत्सव में भाग लेने या स्टॉल लगाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें:
https://forms.gle/S2N7QUSfnSTyh84k7


स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और संस्कृति का उत्सव

जिला कलक्टर आलोक रंजन ने डीआरडीए हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि यह आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि “स्वदेशी और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव” है।
उन्होंने कहा —

“राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025 जिले के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
यह आयोजन स्थानीय उत्पादों और कारीगरों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ युवाओं में स्वावलंबन और उद्यमिता की भावना को सशक्त करेगा।”


आयुर्वेदिक आरोग्य मेला – स्वास्थ्य, ध्यान और जीवनशैली पर फोकस

महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण रहेगा आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित ‘आरोग्य मेला’, जिसमें 300 से अधिक आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग विशेषज्ञ डॉक्टर उपस्थित रहेंगे।
यहाँ प्राकृतिक चिकित्सा, ध्यान, एक्यूप्रेशर, एरोमाथेरेपी, नशा मुक्ति और डिजिटल डिटॉक्स जैसे विषयों पर विशेष कार्यशालाएँ और परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे।

साथ ही आयुर्वेद पर आधारित वैज्ञानिक गोष्ठियाँ और संवाद सत्र भी होंगे, जिनमें देशभर से आए चिकित्सक और शोधकर्ता अपने अनुभव साझा करेंगे।


देशभर से आएंगे 300 से अधिक स्वदेशी स्टॉल

महोत्सव में भारत के विभिन्न राज्यों से 300+ स्टॉल स्थापित किए जाएंगे, जिनमें शामिल होंगे —

  • जैविक और प्राकृतिक खाद्य उत्पाद

  • श्री अन्न व औषधीय वस्तुएँ

  • खादी वस्त्र, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम

  • जूट, ऊन और बाँस आधारित उत्पाद

  • कलात्मक फर्नीचर व हस्तनिर्मित सजावटी वस्तुएँ

  • “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) योजना के तहत विशेष प्रदर्शनियाँ

इन स्टॉल्स के माध्यम से आगंतुकों को “वोकल फॉर लोकल” की भावना का सजीव अनुभव मिलेगा।


मेवाड़ की संस्कृति और लोक परंपरा का जीवंत प्रदर्शन

महोत्सव में देश की विविध लोक परंपराओं के साथ चित्तौड़गढ़ और मेवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर मंच पर जीवंत रूप में प्रदर्शित होगी।
लोकगायक, नृत्य दल और कलाकार तुर्रा कलंगी, भवाई, गवरी नृत्य, और ढोल-ढमाकों की लोक लय से वातावरण को लोकमय बनाएंगे।

लाइव डेमो के रूप में दर्शक देख सकेंगे —
 प्रतापगढ़ की थेवा कला
 आकोला की ब्लॉक प्रिंट
 नागौर की कठपुतली
 बस्सी की काष्ठ कला
 घोसुण्डा की कागज़ कला
 गंगरार की पारंपरिक जूतियाँ
सभी विधाएँ मिलकर मेवाड़ की आत्मा को स्पंदित करेंगी।


स्थानीय कारीगरों और महिला समूहों को मिलेगा विशेष मंच

महोत्सव में महिला स्व-सहायता समूहों, स्थानीय कलाकारों, और युवा उद्यमियों को मंच प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने उत्पादों, विचारों और कलात्मकता का प्रदर्शन कर सकें।
इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर उत्पन्न होंगे।


रोजगार और उद्योग को मिलेगा नया आयाम

जिला रोजगार कार्यालय द्वारा आयोजित रोजगार सहायता शिविर में युवाओं को विभिन्न उद्योगों और स्टार्टअप्स से जोड़ने की सुविधा दी जाएगी।
साथ ही उद्योग विभाग की “पंच गौरव प्रदर्शनी” में सीताफल (चित्तौड़ ऑर्गेनिक ब्रांड) सहित जिले के गौरव उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे।


पारंपरिक प्रतियोगिताएँ और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता

महोत्सव के दौरान “साफा बांधो” और “मेहंदी बनाओ” जैसी पारंपरिक प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाएंगी, जो लोक संस्कृति को नई पीढ़ी से जोड़ेंगी।
सभी अतिथियों को बस्सी की काष्ठ कला की कावड़ स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की जाएगी।
साथ ही आयोजन में प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग और पर्यावरण संतुलन का विशेष ध्यान रखा जाएगा।


सुरक्षा और व्यवस्था के सख्त इंतज़ाम

जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि महोत्सव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।

अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम ने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित एवं स्वस्थ भारत के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और कृषि नवाचार के महत्वपूर्ण आयाम प्रदर्शित होंगे।


चित्तौड़गढ़ के लिए गौरव का अवसर

राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और स्वदेशी पुनरुत्थान का उत्सव है।
यह मेवाड़ की उस आत्मा को पुनर्जीवित करता है जो परंपरा, कला और आत्मनिर्भरता में गहराई से रची-बसी है।

जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा —
“स्वदेशी महोत्सव चित्तौड़गढ़ की पहचान बनेगा — यह परंपरा, संस्कृति और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणा का प्रतीक है।”


मुख्य आकर्षण एक नज़र में

  • स्थान: शहीद मेजर नटवर सिंह शक्तावत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान, चित्तौड़गढ़

  • तिथि: 30 अक्टूबर से 4 नवंबर 2025

  • थीम: आयुर्वेद | कृषि | उद्यान | रोजगार | स्वदेशी उत्पाद

  • स्टॉल्स: 300+ देशभर से

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: लोक नृत्य, भवाई, गवरी, तुर्रा कलंगी आदि

  • आरोग्य मेला: ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा, नशा मुक्ति, योग

  • रोजगार मेला: उद्योग विभाग की प्रदर्शनी और करियर अवसर

  • विशेष ध्यान: पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक-फ्री आयोजन

  • ऑनलाइन पंजीकरण लिंक: https://forms.gle/S2N7QUSfnSTyh84k7


निष्कर्ष

राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव-2025 चित्तौड़गढ़ को स्वदेशी उत्पादों, आयुर्वेद, कला और संस्कृति के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
यह आयोजन न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में चित्तौड़गढ़ का योगदान भी दर्ज कराएगा।

भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति, संस्थान या कारीगर अभी रजिस्ट्रेशन करें:
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