नई शिक्षा नीति 2020 भारत को विश्वगुरु बनाएगी: देवनानी

उदयपुर में शैक्षणैतर कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में देवनानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 भारत को विश्वगुरु बनाने की आधारशिला है।

नई शिक्षा नीति 2020 भारत को विश्वगुरु बनाएगी: देवनानी

उदयपुर: राष्ट्रीय अधिवेशन में नई शिक्षा नीति पर मंथन — देवनानी बोले, “भारत को विश्वगुरू बनाने की आधारशिला है NEP 2020”

उदयपुर, 8 दिसंबर। नई शिक्षा नीति 2020 केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत को विश्वगुरु बनाने की जीवंत आधारशिला है, जो राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की दिशा तय करती है। यह बात विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोमवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय शैक्षणैतर कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन एवं सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त की। 

नई शिक्षा नीति—राष्ट्र प्रथम की पीढ़ी का निर्माण

देवनानी ने कहा कि कस्तूरीरंगन कमेटी के साथ मिलकर नीति को अंतिम स्वरूप देने में उनका भी योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि NEP 2020 ऐसी पीढ़ी तैयार करेगी, जो राष्ट्र प्रथम की भावना से ओतप्रोत होगी।
उन्होंने उल्लेख किया कि नई नीति ने मैकाले आधारित रटंत्र शिक्षा को समाप्त कर, मातृभाषा आधारित, कौशल-उन्मुख शिक्षा पर बल दिया है।

क्रियान्वयन में शिक्षक–शैक्षणैतर कर्मचारी–जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण

देवनानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए

  • शिक्षक,

  • शैक्षणैतर कर्मचारी

  • और जनप्रतिनिधियों
    — तीनों का समन्वित प्रयास आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि स्थानीय आवश्यकताओं को समझते हैं, और उनके सुझाव नीति को अधिक प्रासंगिक एवं प्रभावी बनाते हैं।

देवनानी ने किए तीन संकल्पों का आह्वान

उद्बोधन के दौरान उन्होंने कर्मचारी संघ से तीन संकल्प लेने का अनुरोध किया—

  1. 2026 तक राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में NEP 2020 को पूर्णतः लागू किया जाए।

  2. शैक्षणैतर कर्मचारियों को शिक्षा व्यवस्था के केंद्र में रखा जाए।

  3. जनप्रतिनिधियों और विश्वविद्यालयों के बीच आदर्श संबंध स्थापित हों।

उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय राजनीति से दूर रहकर रोजगारपरक शिक्षा का केंद्र बनें और उत्तम नागरिक तैयार करें।

मुख्य वक्ताओं ने रखे विचार 

 

कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और कुलगीत से हुआ।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं ने NEP के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की:

  • राज्यपाल सलाहकार प्रोफेसर कैलाश सोडाणी ने कहा कि NEP विद्यार्थियों को विषय चयन और डिग्री की अवधि तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता देती है।

  • कुलगुरु प्रोफेसर बी.पी. सारस्वत ने शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक रिक्त पदों को शीघ्र भरने और विश्वविद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु राज्य सरकार से अधिक फंड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

  • अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ, हरियाणा के अध्यक्ष चरणदास अटवाल ने कर्मचारियों की महती भूमिका पर विचार रखे।

  • कार्यकारी अध्यक्ष भरत व्यास ने कर्मचारियों की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि NEP लागू करने के लिए कर्मचारी संख्या और उनमें विश्वास, दोनों का पर्याप्त होना आवश्यक है। 

सम्मान व पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम में पिछले वर्ष सेवानिवृत्त हुए 37 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
साथ ही, कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।
मंच संचालन श्रीमती एकता शर्मा और विनीत चौबीसा ने किया।