राजस्थान ओबीसी आयोग जनसंवाद उदयपुर | 21 नवंबर को संभाग स्तरीय कार्यक्रम
राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग द्वारा 21 नवंबर को उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें ओबीसी समुदाय के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सुझाव एकत्र किए जाएंगे।
राजस्थान ओबीसी आयोग का संभागीय जनसंवाद 21 नवंबर को, पिछड़े वर्गों को मिलेगा मजबूत राजनैतिक प्रतिनिधित्व
उदयपुर, 19 नवंबर। राजस्थान सरकार के राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग द्वारा 21 नवंबर को उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश के पिछड़े वर्गों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर उनके राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर सुझाव एकत्रित करना है, ताकि स्थानीय निकायों में ओबीसी समुदाय को तर्कसंगत और मजबूत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
ओबीसी आयोग के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि यह कार्यक्रम 21 नवंबर को प्रातः 11 से दोपहर 1.30 बजे तक जिला परिषद सभागार, कलेक्ट्रेट परिसर, उदयपुर में आयोजित होगा। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी सहित सदस्य श्री गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, श्री मोहन मोरवाल, श्री पवन मंडाविया तथा सचिव (सलाहकार) श्री अशोक कुमार जैन उपस्थित रहेंगे।
आमजन से सीधे संवाद
आयोग इस कार्यक्रम में ओबीसी समुदाय के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, पंचायत प्रतिनिधियों, निकाय सदस्यों, शिक्षाविदों और आम नागरिकों से उनके अनुभव, समस्याएं, अपेक्षाएं और सुझाव प्राप्त करेगा। आयोग का कहना है कि इन सुझावों को रिपोर्ट में सम्मिलित कर राज्य में ओबीसी समुदाय के सामाजिक न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए ठोस नीति निर्माण किया जाएगा।
प्रशासन को सौंपे गए दायित्व
आयोग के निर्देशानुसार जनसंवाद को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन उदयपुर ने अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद वीरमाराम को नोडल अधिकारी एवं नगर निगम उपायुक्त दिनेश मंडोवरा को सह नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। कार्यक्रम व्यवस्था को लेकर संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को भी विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।
व्यापक भागीदारी की योजना
जनसंवाद में वर्तमान एवं पूर्व सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम प्रतिनिधि, बार काउंसिल सदस्य, सामाजिक एवं शैक्षणिक संगठन और ओबीसी समाज के अन्य हितधारक भाग लेंगे। आयोग इस संवाद के दौरान ओबीसी आरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा और भविष्य की रिपोर्ट के आधार पर मजबूत अनुशंसा राज्य सरकार को सौंपेगा।
आयोग का संकल्प
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी ने कहा कि ओबीसी समुदाय के राजनीतिक प्रतिनिधित्व और वास्तविक स्थिति का अनुभवजन्य अध्ययन करने के लिए आयोग प्रदेशभर में संभाग स्तर पर पहुंचकर जनसुनवाई कर रहा है। भाटी ने कहा कि आयोग पूर्ण पारदर्शिता के साथ पिछड़े वर्गों की स्थिति का विश्लेषण करेगा और जल्द ही पंचायती राज एवं शहरी निकायों में ओबीसी आरक्षण का नया फार्मूला तय करेगा। भविष्य में होने वाले निकाय चुनाव इसी रिपोर्ट के आधार पर संचालित होंगे।
आयोग का गठन
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदन लाल भाटी की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन किया है। इस आयोग को प्रदेश के सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर उचित सिफारिशें समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करनी हैं।
सुझाव प्रस्तुत करने की अपील
आयोग ने राज्य के नागरिकों, संस्थाओं और हितधारकों से अपील की है कि वे ओबीसी समुदाय के वास्तविक पिछड़ेपन, समस्याओं और सुधारों पर अपने सुझाव आयोग को ईमेल, डाक या आगामी जनसंवाद कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।
राजस्थान ओबीसी आयोग का यह जनसंवाद आगामी आरक्षण नीति और प्रदेश में पिछड़े वर्गों की राजनीतिक भागीदारी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



