उदयपुर में ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र और आसान | 2002 मतदाता सूची डेटाबेस जारी
उदयपुर जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के तहत ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भरना हुआ आसान। जिला प्रशासन ने वर्ष 2002 की मतदाता सूची का डिजिटल डेटाबेस जारी किया, जिससे पुराने ईपीआईसी और नाम से जानकारी खोजी जा सकेगी।
ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भरने हेतु 2002 की मतदाता सूची का डाटाबेस जारी
उदयपुर, 19 नवम्बर। उदयपुर जिले में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत अब ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भरना और आसान हो गया है। जिला प्रशासन ने वर्ष 2002 की मतदाता सूचियों का डिजिटल डेटाबेस जारी कर दिया है, जिससे उन मतदाताओं को काफी सुविधा मिलेगी जिनका या जिनके परिवारजन का नाम पूर्व एसआईआर-2002 सूची में दर्ज है।
अभियान के अंतर्गत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर मतदाता विवरण प्रपत्र वितरण एवं संग्रहण किया जा रहा है। साथ ही, नागरिकों को ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भरने के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। नए सिस्टम के तहत यदि किसी व्यक्ति स्वयं, पिता, माता या दादा-दादी का नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में शामिल है, तो वे ऑनलाइन फॉर्म आसानी से भर सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया में 2002 की सूची के आधार पर निर्वाचन क्षेत्र का नाम, भाग संख्या और क्रम संख्या जैसी जानकारियाँ भरने की आवश्यकता होती है। जिला प्रशासन द्वारा जारी नए यूआरएल के माध्यम से मतदाता अपना पुराना नाम, पिता का नाम या ईपीआईसी नंबर दर्ज कर 2002 की सूची में खोज कर सकते हैं।

बीएलओ ऐप में नए फीचर्स शामिल
बीएलओ ऐप का नया संस्करण 8.77 जारी कर दिया गया है, जिसमें दो महत्वपूर्ण सुविधाएँ जोड़ी गई हैं:
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Online Forms Filled by Elector:
इस विकल्प में उन मतदाताओं की सूची उपलब्ध होगी जिन्होंने अपना फॉर्म स्वयं ऑनलाइन भरा है। बीएलओ इस डेटा को चेक कर, सही पाए जाने पर फ़ाइनल सबमिट कर सकेंगे। -
Re-verify Filled EF / Unmap the Elector:
इस फीचर के माध्यम से बीएलओ उन फॉर्म्स की सूची देख पाएंगे जो पहले डिजिटल मैप या डिजिटाइज हो चुके हैं। आवश्यकता पड़ने पर किसी एंट्री को अनमैप भी किया जा सकेगा।
न्यूनतम प्रगति वाले बीएलओ की समीक्षा बैठक

विधानसभा क्षेत्र वल्लभनगर-155 की निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) द्वारा बुधवार को कम प्रगति वाले बीएलओ व संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान बूथ संख्या 234 कानोड़ का निरीक्षण भी किया गया।
बैठक में बताया गया कि अब ऑनलाइन जमा किए गए सभी एन्यूमरेशन फॉर्म का बीएलओ द्वारा फील्ड सत्यापन अनिवार्य रहेगा। आगे से रिपोर्ट में स्तर-वार लंबित ऑनलाइन फॉर्म की संख्या दिखाई जाएगी, ताकि कार्य की प्रगति स्पष्ट रह सके। ईआरओ ने सभी बीएलओ को लंबित आवेदनों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।



