उदयपुर में किसान गोष्ठी — भेड़-बकरी पालन और नस्ल सुधार पर विशेषज्ञों ने दिए दिशा-निर्देश
विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र, उदयपुर में सीएसडब्ल्यूआरआई बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में किसान गोष्ठी आयोजित हुई। विशेषज्ञों ने किसानों को भेड़-बकरी पालन, नस्ल सुधार और आहार प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी।
 
                                उदयपुर में कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसान गोष्ठी — भेड़-बकरी पालन और नस्ल सुधार पर विशेषज्ञों ने दिए दिशा-निर्देश
उदयपुर, 30 अक्टूबर।
विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) उदयपुर में किसानों के लिए एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान (सीएसडब्ल्यूआरआई), बीकानेर और केवीके उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएसडब्ल्यूआरआई, अविकानगर के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर रहे। उन्होंने उदयपुर जिले की फलासिया तहसील के बड़ा भीलवाड़ा और कोट गांवों से आए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में किसानों को खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन को भी अपनाना चाहिए।
डॉ. तोमर ने बताया कि अच्छी नस्ल के भेड़-बकरी और मुर्गी पालन से किसान अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही नस्ल चयन, वैज्ञानिक तकनीकों और आहार प्रबंधन के जरिये पशुपालन को लाभदायक बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि किसानों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने के लिए देश के सात राज्यों और सीएसडब्ल्यूआरआई केंद्र पर भ्रमण कराया जाएगा। 

कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आशीष चौपड़ा ने जनजातीय उपपरियोजना (Tribal Sub Plan) के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। वहीं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. डांगी ने भेड़-बकरी के आवास व आहार प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी।
संस्थान प्रमुख डॉ. पी.सी. भटनागर ने केवीके द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैसे संस्थान किसानों की नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण गतिविधियों के माध्यम से क्षेत्रीय विकास में योगदान दे रहा है।
कार्यक्रम के दौरान सीएसडब्ल्यूआरआई, बीकानेर की ओर से
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50 भेड़-बकरी पालकों को भेड़-बकरी शेड, 
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100 किसानों को स्प्रेयर मशीनें, पानी के कैम्पर, छाते, टॉर्च और पानी की बोतलें वितरित की गईं। 
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष चौपड़ा ने किया, जबकि डॉ. दीपक जैन ने अंत में सभी अतिथियों और किसानों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर हसमुख कुमार, संजय धाकड़, डॉ. भगवत सिंह, डॉ. जीवन राम जाट, डॉ. मनप्रीत सिंह, डॉ. सीमा डांगी, अचल समदानी, धीरेन्द्र व्यास, महीपाल सिंह सहित लगभग 120 कृषक एवं कृषक महिलाएं उपस्थित रहीं।
 
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