उदयपुर में ग्रामीण सेवा शिविर बना सद्भाव और खुशियों की मिसाल | वर्षों पुराने विवादों का हुआ समाधान

उदयपुर जिले की ग्राम पंचायत जेकड़ा में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर ने सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश की। इस शिविर में वर्षों पुराने पारिवारिक भूमि विवादों का आपसी सहमति से समाधान हुआ, जिससे परिवारों में विश्वास और एकता की भावना मजबूत हुई।

उदयपुर में ग्रामीण सेवा शिविर बना सद्भाव और खुशियों की मिसाल | वर्षों पुराने विवादों का हुआ समाधान

उदयपुर समाचार : गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025
ग्रामीण सेवा शिविर बना सद्भाव और खुशियों की मिसाल — जेकड़ा पंचायत में वर्षों पुराने विवादों का हुआ समाधान

उदयपुर। पंचायत समिति झाड़ोल की ग्राम पंचायत जेकड़ा में गुरुवार को आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर ने प्रशासनिक सेवा और सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। यह शिविर केवल योजनाओं के लाभ वितरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने परिवारों के बीच वर्षों पुराने विवादों को सुलझाकर सौहार्द और एकता की नई मिसाल कायम की।

शिविर में सरकारी विभागों की विभिन्न योजनाओं की जानकारी और लाभ तो ग्रामीणों को मिले ही, साथ ही स्थानीय निवासियों के बीच आपसी समझ और सहमति के माध्यम से कई जटिल भूमि विवादों का भी समाधान हुआ।

स्थानीय निवासी शिव सिंह के पुत्र नरेंद्र सिंह और भोपाल सिंह को आपसी सहमति के बाद उनकी पुश्तैनी आवासीय भूमि का पट्टा प्रदान किया गया। इस निर्णय ने परिवार में वर्षों से चली आ रही मतभेद की स्थिति को समाप्त कर दिया और आपसी विश्वास व सद्भाव की भावना को फिर से जीवित किया।

इसी तरह, प्रताप सिंह ने भी अपने पुत्र हरि सिंह के साथ आपसी सहमति दर्शाते हुए न केवल स्वयं के आवासीय भूखंड का पुश्तैनी पट्टा प्राप्त किया, बल्कि अपने पुत्र को भी उसका वैध अधिकार दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

ग्रामीणों ने इस पहल को सरकार की सच्ची जनसेवा भावना का प्रतीक बताया। उनका कहना था कि प्रशासन केवल योजनाओं का लाभ ही नहीं दे रहा, बल्कि वर्षों पुराने पारिवारिक विवादों को समाप्त कर रिश्तों में खुशियों के रंग भरने का कार्य भी कर रहा है।

शिविर के दौरान उपस्थित अधिकारीगणों और जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि ऐसे प्रयास समाज में सौहार्द, विश्वास और विकास की त्रिवेणी को सशक्त करते हैं।

ग्राम जेकड़ा का यह शिविर न केवल प्रशासनिक सेवा की सफलता का उदाहरण बना, बल्कि इसने यह भी सिद्ध किया कि जब शासन जनता के बीच संवेदनशीलता और संवाद के साथ पहुंचता है, तब परिवर्तन केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि दिलों में उतरता है