उदयपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम

उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज सभागार में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा अधिकारियों और संस्था प्रधानों के साथ संवाद किया। शिक्षा में सुधार और नवाचार के लिए मंत्री ने अधिकारियों से सीधे विचार-विमर्श किया।

उदयपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम
उदयपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम

उदयपुर ब्रेकिंग: शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर का शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम

उदयपुर। शिक्षा एवं पंचायतीराज विभाग के मंत्री श्री मदन दिलावर ने आज आरएनटी मेडिकल कॉलेज परिसर के सभागार में आयोजित एक विशेष संवाद कार्यक्रम में शिरकत की। यह कार्यक्रम उदयपुर और सलूम्बर जिले के शिक्षा अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य उद्देश्य शैक्षिक परिदृश्य में मौलिक बदलाव और सुधार हेतु नए एवं अनूठे प्रयासों पर चर्चा करना था।

कार्यक्रम में मंत्री श्री दिलावर ने सीधे संवाद के माध्यम से संस्थान प्रधानों और अधिकारियों से विचार-विमर्श किया, ताकि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सुधार और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाना केवल प्रशासनिक पहल से नहीं बल्कि शिक्षक, अधिकारी और संस्था प्रधानों के सहयोग से ही संभव है।

इस अवसर पर उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली, वर्धमान खुला विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोढानी, समाजसेवी प्रमोद सामर, गजपाल सिंह, शिक्षा विभाग उदयपुर मंडल के संयुक्त निदेशक चंद्रशेखर जोशी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रतिभा गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक लोकेश भारती, और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक ननिहाल सिंह समेत कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री श्री दिलावर ने कार्यक्रम के दौरान शिक्षा में तकनीकी सुधार, विद्यार्थियों के लिए नए अवसर, और विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्था का योगदान इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है और सीधे संवाद से समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकता है।

कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों और संस्था प्रधानों ने मंत्री को शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और यह भी सुनिश्चित किया कि आगामी योजनाओं में स्थानीय स्तर पर सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। 


यह कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।