आईसीडीएस में प्री-स्कूल शिक्षा सुधार: एनईपी 2020 आधारित नया पाठ्यक्रम

आईसीडीएस में प्री-स्कूल शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए एनईपी 2020 आधारित नया गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा।

आईसीडीएस में प्री-स्कूल शिक्षा सुधार: एनईपी 2020 आधारित नया पाठ्यक्रम

आईसीडीएस में प्री-स्कूल शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी पहल
एनईपी 2020 के अनुरूप 3–6 वर्ष के बच्चों के लिए होगा नया गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम

उदयपुर, 6 दिसंबर। बाल शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा देने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग ने आईसीडीएस के तहत संचालित प्री-स्कूल शिक्षा को अधिक प्रभावी, आकर्षक और बाल-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। विभाग के निदेशक श्री वासुदेव मालावत (आईएएस) ने शनिवार को उदयपुर प्रवास के दौरान राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की निदेशक श्रीमती श्वेता फगेड़िया के साथ बैठक कर आगामी सुधारों की विस्तृत समीक्षा की।

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के अनुरूप 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए पाठ्यक्रम को अधिक रोचक, गतिविधि-आधारित और सीखने की स्वाभाविक प्रक्रिया से जोड़ने पर गंभीर विमर्श हुआ। श्री मालावत ने बताया कि आईसीडीएस में वर्तमान में उपयोग की जा रही किलकारी-तरंग और उमंग वर्कबुक को एनईपी के अनुसार पुनः विकसित किया जाएगा, ताकि बच्चे खेल-खेल में सीखें और उनकी जिज्ञासा को और प्रोत्साहन मिले। 

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए उन्नत प्रशिक्षण पर जोर

बैठक में आरएससीईआरटी द्वारा गठित पाठ्यक्रम टीम के माध्यम से प्रशिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नए मॉडल के अनुरूप तैयार करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई। विभाग का लक्ष्य फील्ड स्तर पर प्रशिक्षण को मजबूत बनाना और कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्धि सुनिश्चित करना है, ताकि प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के सभी आयाम—शारीरिक, बौद्धिक, भाषा, सामाजिक और भावनात्मक विकास—को संबोधित किया जा सके।

मॉडल आंगनवाड़ी से सीख पूरे राज्य में लागू होगी

बैठक के बाद श्री मालावत ने आरएससीईआरटी स्थित मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां उपलब्ध नवीन शिक्षण सामग्री और गतिविधि-आधारित मॉड्यूल की सराहना करते हुए कहा कि इन नवाचारों को राज्यभर की आंगनवाड़ियों में चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि “बच्चों में रचनात्मकता विकसित करना, खेल-आधारित शिक्षा देना और सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाना विभाग की प्राथमिकता है।”

स्थानीय संदर्भों और अनुभवात्मक सीख को मिलेगी प्राथमिकता

आरएससीईआरटी की निदेशक श्रीमती श्वेता फगेड़िया ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विकसित किए जा रहे पाठ्यक्रम में स्थानीय संदर्भों, वैज्ञानिक सोच और अनुभवात्मक शिक्षा को विशेष महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने परिषद द्वारा किए जा रहे नवाचारों से भी अवगत कराया और कहा कि प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा को मजबूत करना परिषद की शीर्ष प्राथमिकताओं में है।

प्रारंभिक शिक्षा क्षेत्र में यह पहल प्रदेशभर की आंगनवाड़ियों में सीखने की गुणवत्ता को एक नई ऊंचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।