राजस्थान खान विभाग 15 दिसंबर से पूरी तरह पेपरलेस, खनन कार्य केवल ऑनलाइन
राजस्थान खान विभाग ने 15 दिसंबर से सभी खनन से जुड़े कार्य पूरी तरह ऑनलाइन करने की घोषणा की है। नई डिजिटल व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी, समय बचेगा और विभागीय कार्य सुगम होंगे।
खनन विभाग अब होगा पेपरलेस, 15 दिसंबर से सभी कार्य सिर्फ ऑनलाइन
उदयपुर, 23 नवंबर। राजस्थान के खान विभाग ने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और गति लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने घोषणा की है कि 15 दिसंबर से खनन गतिविधियों से जुड़े सभी कार्य पूरी तरह ऑनलाइन होंगे, और अब विभागीय कार्यालयों में पारंपरिक कागजी प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी।
रविवार को उदयपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित एक दिवसीय ओरीएंटेशन कार्यशाला के दौरान उदयपुर, जोधपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा और कोटा वृत के अधिकारियों को नए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी गई और सख्ती से इसके पालन के निर्देश जारी किए गए।

पारदर्शिता और समयबद्ध निपटान पर जोर
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए खनन निदेशक महावीर प्रसाद मीणा ने कहा कि विभाग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल ऐप आधारित निरीक्षण प्रणाली, 14 ऑनलाइन मॉड्यूल्स और वेबसाइट आधारित एप्लिकेशन लागू कर दी हैं।
उन्होंने बताया कि:
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15 दिसंबर से सभी आवेदन, निरीक्षण, पंचनामा और विभागीय कार्रवाई ऑनलाइन होंगी
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मुख्यालय और राज्य सरकार स्तर पर निगरानी दिसंबर के प्रथम पखवाड़े से शुरू हो जाएगी
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यह व्यवस्था ‘पेपरलेस गवर्नेंस’ की दिशा में राज्य सरकार की प्राथमिकता पर आधारित है
जनता व हितधारकों को होगी बड़ी राहत
कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक (मुख्यालय) व नोडल अधिकारी महेश माथुर ने कहा कि डिजिटल प्रणाली लागू होने से:
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विभागीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी
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आमजन के काम निर्धारित समय सीमा में पूरे होंगे
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लाइसेंसधारकों और हितधारकों को अनावश्यक कार्यालय चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
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समय और धन दोनों की बचत होगी
उन्होंने इसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया।
डिजिटल एप्लिकेशन व मॉड्यूल्स का व्यावहारिक प्रशिक्षण
अतिरिक्त निदेशक (आईटी) शीतल अग्रवाल ने बताया कि विभाग की गतिविधियों के अनुरूप एप्लिकेशन और मॉड्यूल तैयार किए गए हैं, जिनसे कार्यप्रणाली और तेज एवं सुविधाजनक होगी। कार्यशाला में सभी डिजिटल टूल्स का लाइव प्रदर्शन किया गया और अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया।
जिलेवार अधिकारी शामिल
कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक सतर्कता एस.पी. शर्मा सहित विभिन्न जिलों के अधीक्षण अभियंता, खनि अभियंता, सहायक अभियंता और आईटी सहायकों ने भाग लिया।



