उदयपुर में ₹101 करोड़ की अदावाकृत जमा: 1 नवम्बर को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे विशेष शिविर का शुभारंभ

उदयपुर जिले में 2.86 लाख खातों में ₹101.47 करोड़ की अदावाकृत राशि पड़ी है। आरबीआई 1 नवम्बर को “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत शिविर आयोजित करेगा। जानिए कैसे पाएं अपनी लावारिस जमा राशि।

उदयपुर में ₹101 करोड़ की अदावाकृत जमा: 1 नवम्बर को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे विशेष शिविर का शुभारंभ

उदयपुर जिले में 2.86 लाख खातों में ₹101 करोड़ से अधिक की ‘अदावाकृत जमा’ — आरबीआई 1 नवम्बर को लगाएगा विशेष शिविर

उदयपुर, 30 अक्टूबर 2025।
उदयपुर जिले में हजारों खातों में वर्षों से निष्क्रिय पड़े ₹101.47 करोड़ की राशि अब अपने असली मालिकों या वारिसों का इंतजार कर रही है।
2 लाख 86 हजार 243 बैंक खातों में जमा यह धनराशि बैंकों के रिकॉर्ड में “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” (अदावाकृत जमा) के रूप में दर्ज है — यानी ऐसे खाते जिनका संचालन या दावा लंबे समय से नहीं हुआ।

इन रकमों को सही हाथों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देशव्यापी जन-जागरूकता अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” की शुरुआत की है। इसी पहल के तहत उदयपुर जिले में 1 नवम्बर, शनिवार को विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आमजन को अदावाकृत जमा और उसकी दावा प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। 


???? भुवाणा में लगेगा विशेष शिविर — आरबीआई गवर्नर करेंगे उद्घाटन

विशेष शिविर सुबह 10 बजे से भुवाणा स्थित सोलिटेयर रिसोर्ट (ओपेरा गार्डन के सामने, शोभागपुरा) में आयोजित होगा।
इस अवसर पर आरबीआई गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
कार्यक्रम में एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक सहित सभी प्रमुख बैंकों, सेबी, बीमा कंपनियों और पेंशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।

शिविर का उद्देश्य जनता को यह बताना है कि किस प्रकार वे अपने या अपने परिजनों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा क्लेम, डिविडेंड, शेयर और म्यूचुअल फंड की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उनका दावा कर सकते हैं।


???? क्यों होता है पैसा ‘अनक्लेम्ड’?

अग्रणी जिला प्रबंधक संजय कुमार गुप्ता के अनुसार,
अक्सर लोग अपने जीवनकाल में बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य वित्तीय संपत्तियों के लिए वारिस घोषित नहीं कर पाते।
कई बार दुर्घटनाओं, पते के परिवर्तन या असावधानी के कारण खातों का संपर्क टूट जाता है।
परिणामस्वरूप व्यक्ति की मृत्यु या स्थानांतरण के बाद वह धनराशि वर्षों तक बैंकों में निष्क्रिय पड़ी रहती है और उसका कोई दावा नहीं करता।

ऐसे खातों को बैंक “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” के रूप में वर्गीकृत करते हैं।
अब आरबीआई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह धनराशि अपने वास्तविक वारिसों तक पहुंच सके और जनता को अपनी पूंजी के अधिकार के प्रति जागरूक किया जाए।


???? ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ — जनता के लिए आरबीआई की पहल

इस मिशन के तहत देशभर में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से जन-जागरूकता शिविर, सूचना पोर्टल, और क्लेम सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
लोगों को यह बताया जाएगा कि वे किस तरह से अपने परिवार के नाम पर छूटे हुए बैंक खातों या अन्य वित्तीय संपत्तियों की पहचान कर सकते हैं।

शिविर में लोगों को

  • बैंक खातों में निष्क्रिय पड़ी जमा राशि,

  • बीमा कंपनियों के अदावाकृत दावे,

  • शेयर बाजार से जुड़ी लावारिस राशि,

  • डिविडेंड और म्यूचुअल फंड निवेश की जानकारी
    दी जाएगी।
    साथ ही बैंक और वित्तीय संस्थान मौके पर ही दावा प्रक्रिया के लिए सहायता करेंगे।


???? घर बैठे जानें कहां जमा है आपका पैसा — ‘यूडीजीएएम पोर्टल’ से

अब कोई भी नागरिक बिना बैंक गए यह जान सकता है कि कहीं उसके नाम या परिवार के नाम पर लावारिस जमा राशि तो नहीं है।
इसके लिए आरबीआई का यूडीजीएएम (Unclaimed Deposits – Gateway to Access Information) नामक पोर्टल लॉन्च किया गया है।

यूडीजीएएम पोर्टल से जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया:

  1. आधिकारिक वेबसाइट https://udgam.rbi.org.in पर जाएं।

  2. मोबाइल नंबर से पंजीकरण करें (पहली बार उपयोग करने पर)।

  3. लॉगिन के बाद खाताधारक का नाम, जन्म तिथि, पैन, आधार या वोटर आईडी दर्ज करें।

  4. सिस्टम 30 बैंकों में खोज कर बताएगा कि आपके नाम पर कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट है या नहीं।

  5. यदि राशि पाई जाती है, तो संबंधित बैंक की वेबसाइट या शाखा से संपर्क कर दावा प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

दावे के लिए आवश्यक दस्तावेज़:

  • पहचान प्रमाण (आधार, पैन, वोटर आईडी आदि)

  • पते का प्रमाण

  • जमा राशि या खाता संख्या का प्रमाण

बैंक इन दस्तावेजों की पुष्टि के बाद राशि वास्तविक वारिस को हस्तांतरित कर देते हैं।


???? इन 30 बैंकों की जानकारी उपलब्ध

यूडीजीएएम पोर्टल पर देश के 30 प्रमुख बैंकों का डेटा उपलब्ध है, जिनमें शामिल हैं —

  1. एक्सिस बैंक लिमिटेड

  2. बैंक ऑफ बड़ौदा

  3. बैंक ऑफ इंडिया

  4. बैंक ऑफ महाराष्ट्र

  5. केनरा बैंक

  6. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

  7. सिटीबैंक एन.ए.

  8. डीबीएस बैंक इंडिया लि.

  9. धनलक्ष्मी बैंक

  10. फेडरल बैंक

  11. एचडीएफसी बैंक

  12. एचएसबीसी लि.

  13. आईसीआईसीआई बैंक

  14. आईडीबीआई बैंक

  15. इंडियन बैंक

  16. इंडियन ओवरसीज बैंक

  17. इंडसइंड बैंक

  18. जम्मू एंड कश्मीर बैंक

  19. कर्नाटक बैंक

  20. पंजाब नेशनल बैंक

  21. कोटक महिंद्रा बैंक

  22. पंजाब एंड सिंध बैंक

  23. सारास्वत को-ऑपरेटिव बैंक

  24. साउथ इंडियन बैंक

  25. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

  26. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

  27. तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक

  28. करूर वैश्य बैंक

  29. यूको बैंक

  30. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया


???? उदयपुर जिले के लिए बड़ा मौका

जिले के 2.86 लाख खातों में पड़ी ₹101.47 करोड़ की राशि एक आर्थिक अवसर भी है —
यदि यह धन सही वारिसों तक पहुंचता है तो न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

आरबीआई का यह शिविर जनजागरूकता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है,
जहां जनता न केवल अपनी खोई हुई पूंजी वापस पा सकेगी बल्कि भविष्य में वित्तीय साक्षरता और उत्तराधिकार योजना को लेकर भी सजग होगी।


???? शिविर विवरण एक नज़र में

???? तारीख: 1 नवम्बर 2025 (शनिवार)
???? समय: सुबह 10 बजे से
???? स्थान: सोलिटेयर रिसोर्ट, ओपेरा गार्डन के सामने, शोभागपुरा, भुवाणा, उदयपुर
???? मुख्य अतिथि: श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
???? उद्देश्य: अदावाकृत जमा राशि और अन्य वित्तीय दावों की प्रक्रिया पर आमजन को जागरूक करना


???? निष्कर्ष

उदयपुर जिले में छिपी ₹101 करोड़ से अधिक की राशि केवल एक वित्तीय आंकड़ा नहीं, बल्कि हजारों परिवारों की खोई हुई पूंजी और आशा का प्रतीक है।
भारतीय रिजर्व बैंक का “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक पहल है, जो जन-हित और पारदर्शिता दोनों को मजबूत करेगी।