विश्व मत्स्य दिवस 2025: उदयपुर में राज्य स्तरीय समारोह सम्पन्न, मत्स्य पालन को मिली नई दिशा

उदयपुर में विश्व मत्स्य दिवस पर मत्स्य विभाग राजस्थान द्वारा राज्य स्तरीय आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने मत्स्य उत्पादन, पारिस्थितिकी संरक्षण और रोजगार के अवसरों पर जानकारी दी। उत्कृष्ट मत्स्य कृषकों को सम्मानित भी किया गया।

विश्व मत्स्य दिवस 2025: उदयपुर में राज्य स्तरीय समारोह सम्पन्न, मत्स्य पालन को मिली नई दिशा

विश्व मत्स्य दिवस पर उदयपुर में राज्य स्तरीय समारोह सम्पन्न | मत्स्य पालन को आजीविका के साथ पारिस्थितिकी संरक्षण का आधार बताया

उदयपुर, 21 नवम्बर। विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ‘‘मत्स्य भवन’’ उदयपुर में मत्स्य विभाग राजस्थान के तत्वावधान में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। समारोह में मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े विषय विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण व्याख्यान हुए और उल्लेखनीय योगदान देने वाले मत्स्य कृषकों और व्यवसायियों को सम्मानित किया गया। 

 

कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त निदेशक मत्स्य विभाग उदयपुर डॉ. अनिल कुमार जोशी ने अतिथियों के स्वागत और मत्स्य दिवस मनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से हर वर्ष 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मत्स्य उत्पादन बढ़ाने और मत्स्यकों के हितों को सुदृढ़ करना है।

डॉ. जोशी ने राज्य सरकार की वर्तमान योजनाओं, मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए संचालित पीएमएमएसवाय योजना तथा आधुनिक तकनीकों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन न केवल आय और आजीविका का प्रमुख साधन है, बल्कि पर्यावरण और जलीय पारिस्थितिकी संतुलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

 

मुख्य अतिथि फिशरीज कॉलेज उदयपुर के पूर्व डीन एल.एल. शर्मा एवं पूर्व उप निदेशक मत्स्य अरुण कुमार पुरोहित ने राज्य के जलीय संसाधनों के विकास, स्वच्छ जल पारिस्थितिकी तंत्र, मत्स्य पालन से रोजगार सृजन तथा इस क्षेत्र की चुनौतियों पर विचार व्यक्त किए।

मात्स्यिकी महाविद्यालय उदयपुर के वरिष्ठ अधिष्ठाता डॉ. एम.एल. ओझा ने भारत में मत्स्य उत्पादन की वर्तमान स्थिति, बढ़ते अवसरों और आगामी चुनौतियों पर सारगर्भित उद्बोधन दिया।

समारोह के दौरान समाज एवं कृषि व्यवसाय में मत्स्य पालन की भूमिका और मत्स्य कृषकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान पर विशेष जोर दिया गया। इस अवसर पर प्रगतिशील मत्स्य कृषक पुरुषोत्तम सिंह खीची (कोठारिया, उदयपुर) को 50 वर्षों तक मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में लगभग 70 मत्स्य कृषकों एवं व्यवसायियों ने सहभागिता की। अंत में सहायक निदेशक डॉ. दीपिका पालीवाल ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।